गाजा में नेतन्याहू ने क्यों तोड़ा युद्धविराम? बमबारी के पीछे छुपा है गहरा राज.., कहीं कुर्सी फिसलने का डर तो नहीं?

जनवरी में हुए युद्धविराम समझौते के तहत, इजरायल और हमास के बीच चरणबद्ध युद्धविराम की शुरुआत हुई थी. पहले चरण में हमास ने 25 इजरायली बंधकों को रिहा किया था, लेकिन इजरायल की तरफ से हुई बमबारी के बाद अब यह समझौता टूट चुका है. नेतन्याहू के लिए अब सवाल यह है कि जब युद्धविराम जारी था और सिर्फ बंधकों की रिहाई में देरी हो रही थी, तो उन्होंने युद्ध क्यों शुरू किया.

Vladimir Putin break ceasefire: इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने गाजा पट्टी पर ताबड़तोड़ हमले करके युद्धविराम तोड़ दिया है. इस हमले में भारी संख्या में फिलिस्तीनी नागरिकों की मौत हुई है और संघर्ष फिर से तेज हो गया है. यह हमला बुधवार को लगातार दूसरे दिन हुआ, जिसमें 14 फिलिस्तीनी नागरिकों की जान गई. इससे पहले, मंगलवार को किए गए हमलों में 400 से अधिक लोग मारे गए थे और 500 से ज्यादा घायल हुए थे. यह इजरायल का हमास के खिलाफ सबसे बड़ा हमला था, जो जनवरी में युद्धविराम लागू होने के बाद हुआ.

नेतन्याहू का यह कदम उनकी अंदरूनी राजनीति से जुड़ा हुआ है. वह पहले ही युद्धविराम के मुद्दे पर उलझन में थे, लेकिन बंधकों की रिहाई के दबाव में आकर उन्होंने युद्धविराम पर सहमति जताई थी. लेकिन जब हमास ने बंधकों की रिहाई रोक दी, तो नेतन्याहू ने इसका बहाना बनाकर गाजा पर हमला शुरू कर दिया. एक तरफ, बंधकों के परिवार चाहते थे कि नेतन्याहू हमास से समझौता कर सभी बंधकों को मुक्त कराएं, वहीं उनके दक्षिणपंथी गठबंधन सहयोगी युद्ध जारी रखने की मांग कर रहे थे. 

अमेरिका भी हमास पर लगा रहा आरोप

इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी नेतन्याहू के फैसले का समर्थन किया, जिसमें उन्होंने गाजा पर हमले जारी रखने का समर्थन किया. ट्रंप ने हमास-इजरायल युद्ध विराम में मध्यस्थता की थी, लेकिन अब इजरायल और अमेरिका दोनों ही हमास पर आरोप लगा रहे हैं कि उसने बंधकों की रिहाई में संकोच किया और बातचीत को आगे बढ़ाने से इनकार किया.

इजरायली हमले के बाद टूटा सीजफायर

जनवरी में हुए युद्धविराम समझौते के तहत, इजरायल और हमास के बीच चरणबद्ध युद्धविराम की शुरुआत हुई थी. पहले चरण में हमास ने 25 इजरायली बंधकों को रिहा किया था, लेकिन अब यह समझौता टूट चुका है. नेतन्याहू के लिए अब सवाल यह है कि जब युद्धविराम जारी था और सिर्फ बंधकों की रिहाई में देरी हो रही थी, तो उन्होंने युद्ध क्यों शुरू किया. इसका एक कारण यह हो सकता है कि नेतन्याहू को अपने दक्षिणपंथी सहयोगियों से समर्थन चाहिए था, जो युद्ध जारी रखने की पक्षधर थे. 

सरकार गिरने का सता रहा डर

इसके अलावा, नेतन्याहू का यह कदम राजनीतिक दबाव के कारण भी था. उनके सहयोगी वित्त मंत्री बेज़ेल स्मोट्रिच ने धमकी दी थी कि अगर नेतन्याहू युद्धविराम के दूसरे चरण की तरफ कदम बढ़ाते हैं, तो वह गठबंधन तोड़ देंगे. इससे नेतन्याहू को यह डर था कि अगर वह चुनाव की ओर बढ़ते हैं, तो उन्हें हार का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि इजरायल में उनकी सरकार के खिलाफ भारी विरोध है. इसलिये, युद्ध फिर से शुरू करके नेतन्याहू ने अपनी राजनीतिक स्थिति मजबूत की है और दक्षिणपंथी सहयोगियों का समर्थन हासिल किया है.

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19 March 2025, 03:52 PM IST

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