Quad Summit 2024: हाल ही में आयोजित क्वाड शिखर सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने चुपके से भारत, ऑस्ट्रेलिया और जापान के नेताओं से बातचीत के दौरान कहा, 'चीन हम सबकी परीक्षा ले रहा है.' यह बयान उस समय रिकॉर्ड हुआ जब बाइडेन की बातें हॉट माइक पर आ गईं. इस टिप्पणी से स्पष्ट होता है कि अमेरिका चीन के उभरते खतरे को काफी गंभीरता से ले रहा है.
क्वाड सम्मेलन में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज और जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा शामिल हुए थे. इस शिखर सम्मेलन का उद्देश्य Indo-Pacific क्षेत्र में सहयोग बढ़ाना और सुरक्षा संबंधी मुद्दों पर चर्चा करना था. बाइडेन का यह बयान इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है.
चीन के साथ अमेरिकी चिंताएं
इस बैठक के दौरान, बाइडेन ने कहा कि चीन विभिन्न मोर्चों पर अमेरिका और उसके सहयोगियों की परीक्षा ले रहा है. उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग घरेलू आर्थिक समस्याओं पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं और इसके साथ ही चीन में सामाजिक अशांति को भी कम करना चाहते हैं. बाइडेन का कहना था, 'चीन आर्थिक और प्रौद्योगिकी मुद्दों पर आक्रामक व्यवहार जारी रखे हुए है.'
क्षेत्रीय विवाद और चीन का दावा
अमेरिका का यह भी मानना है कि चीन दक्षिण चीन सागर और पूर्वी चीन सागर में चल रहे क्षेत्रीय विवादों में शामिल है. एक अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने स्पष्ट किया है कि चीन के दावे का कोई कानूनी आधार नहीं है. जबकि चीन पूरे दक्षिण चीन सागर पर अपनी संप्रभुता का दावा करता है, अन्य दक्षिण पूर्व एशियाई देश जैसे वियतनाम, मलेशिया, ब्रुनेई और फिलीपींस इसके खिलाफ प्रतिदावे करते हैं.
हॉट माइक विवाद पर व्हाइट हाउस की प्रतिक्रिया
बाद में, व्हाइट हाउस ने बाइडेन की हॉट माइक टिप्पणी को कमतर आंकने की कोशिश की. एक अधिकारी ने कहा, 'यह कोई नई बात नहीं है. हमारी आंतरिक आवाज हमेशा हमारी बाहरी आवाज से मेल खाती है.' उन्होंने यह भी कहा कि चीन का एजेंडा इस सम्मेलन में महत्वपूर्ण था क्योंकि यह इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है.
बाइडेन का यह बयान न केवल अमेरिका की रणनीति को उजागर करता है बल्कि यह भी दर्शाता है कि कैसे चीन के खिलाफ एकजुटता की आवश्यकता महसूस की जा रही है. क्वाड देशों के नेताओं के साथ यह चर्चा भविष्य में चीन के आक्रामक व्यवहार का सामना करने के लिए सामूहिक कदम उठाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है. इस प्रकार, बाइडेन का बयान न केवल चिंता का विषय है बल्कि यह सहयोग और संवाद का भी एक संकेत है. First Updated : Sunday, 22 September 2024