सीरिया संकट में ईरान को तगड़ा झटका, खामेनेई ने मुस्लिम देश पर लगाया आरोप
Khamenei on Syria Coup: सीरिया में 27 नवंबर से जारी घटनाक्रम को लेकर तुर्किए पर लगातार आरोप लगते रहे हैं लेकिन खामेनेई के संबोधन के बाद शक की सुई जॉर्डन की ओर भी घूम गई है, ऐसा क्यों जानिए?
Khamenei on Syria Coup: ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह अली खामेनेई ने सीरिया में हुए तख्तापलट को लेकर एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने आरोप लगाया कि इस घटनाक्रम के पीछे अमेरिका और इजराइल की साजिश है. खामेनेई ने कहा कि किसी को भी यह शक नहीं होना चाहिए कि सीरिया में जो कुछ भी हुआ, वह अमेरिका और इजराइल की साजिश का हिस्सा है.
सीरिया के पड़ोसी मुल्क पर खामेनेई का इशारा
अपने संबोधन में खामेनेई ने अमेरिका और इजराइल को मुख्य साजिशकर्ता बताते हुए कहा कि एक पड़ोसी देश ने सीरिया में हुए घटनाक्रम में अहम भूमिका निभाई है और वह अब भी ऐसा कर रहा है. हालांकि, उन्होंने किसी देश का नाम नहीं लिया, लेकिन यह बयान कई सवालों को जन्म दे रहा है कि खामेनेई का इशारा किस देश की ओर है.
सीरिया के कौन से पड़ोसी मुल्क पर शक?
सीरिया के पड़ोसी मुल्कों में इजराइल, लेबनान, जॉर्डन, तुर्की और इराक शामिल हैं. ईरान के संपर्क में इराक हमेशा रहा है, जबकि लेबनान में हिजबुल्लाह की मौजूदगी के कारण वह ईरान का करीबी सहयोगी माना जाता है. खामेनेई ने इजराइल का नाम खुलकर लिया है, लेकिन अब जॉर्डन और तुर्की पर भी शक जताया जा रहा है.
जॉर्डन ने क्या किया?
ईरान और इजराइल के बीच तनाव के दौरान, जॉर्डन ने अक्सर इजराइल के खिलाफ ईरान का समर्थन किया है. उदाहरण के तौर पर, जब ईरान ने इजराइल पर मिसाइल हमले किए थे, तो जॉर्डन ने कई मिसाइलों को अपनी सीमा में इंटरसेप्ट किया. जॉर्डन के किंग अब्दुल्ला द्वितीय अमेरिका के करीबी सहयोगी माने जाते हैं और उन्होंने इजराइल के साथ रिश्ते बनाए रखे हैं. जॉर्डन की 1.15 करोड़ की आबादी में लाखों फिलिस्तीनी और सीरियाई शरणार्थी हैं, जो इस देश के लिए एक बड़ा मुद्दा बन चुके हैं.
तुर्की पर क्या आरोप हैं?
तुर्की, जो कि सीरिया का पड़ोसी देश है, पर भी कई आरोप लगाए गए हैं. तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैयप एर्दोआन ने फिलिस्तीन के मुद्दे पर इजराइल का विरोध किया था, लेकिन कुछ आरोप हैं कि वे पर्दे के पीछे इजराइल और अमेरिका से सहयोग कर रहे थे. तुर्की के पास सीरिया से सटी हुई 909 किलोमीटर लंबी सीमा है और यहां करीब 32 लाख सीरियाई शरणार्थी रहते हैं. इसके अलावा, सीरिया में कुर्द विद्रोहियों के खिलाफ तुर्की की सेना ने हमले भी किए हैं. सीरिया में तख्तापलट के बाद तुर्की को बड़ा फायदा होता दिख रहा है.