विद्रोह और आतंक की आग में जलता पाकिस्तान, चीन ने दी कड़े कदम उठाने की चेतावनी
पाकिस्तान इन दिनों आतंकवाद और विदेशी दबाव के बीच फंसा हुआ है. बलूच लिबरेशन आर्मी द्वारा हाल ही में हुई ट्रेन हाइजैकिंग और बलूचिस्तान में सैन्य काफिले पर हमले जैसी घटनाओं ने पाकिस्तान को गहरे संकट में डाल दिया है. देश को एक ओर जहां बलूच विद्रोह, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के हमलों और अफगानिस्तान सीमा पर आतंकी गतिविधियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं दूसरी ओर चीन भी पाकिस्तान पर दबाव बना रहा है.

पाकिस्तान इस समय एक गंभीर संकट का सामना कर रहा है. वह आंतरिक विद्रोह, आतंकवाद और विदेशी दबाव के बीच फंसा हुआ है. बलूच लिबरेशन आर्मी द्वारा हाल ही में हुई ट्रेन हाइजैकिंग और बलूचिस्तान में सैन्य काफिले पर हमले जैसी घटनाओं ने पाकिस्तान को गहरे संकट में डाल दिया है. देश को एक ओर जहां बलूच विद्रोह, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के हमलों और अफगानिस्तान सीमा पर आतंकी गतिविधियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं दूसरी ओर चीन भी पाकिस्तान पर दबाव बना रहा है. विशेषकर CPEC (चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा) परियोजना की सुरक्षा को लेकर.
पाकिस्तान पर लगातार बढ़ रहा दबाव
CPEC की सुरक्षा को लेकर चीन का दबाव पाकिस्तान पर लगातार बढ़ रहा है. ट्रेन हाइजैकिंग की घटना के बाद, चीन ने पाकिस्तान से CPEC और अन्य परियोजनाओं की सुरक्षा को लेकर कड़े कदम उठाने की मांग की है. पाकिस्तान के लिए यह एक बड़ी चुनौती बन गई है, क्योंकि चीन ने विशेष प्रकार के सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की मांग की है, जो पाकिस्तान के लिए एक गंभीर समस्या बन सकता है. पाकिस्तान को अपने भौगोलिक क्षेत्र में चीनी सैनिकों की तैनाती मंजूर नहीं है, क्योंकि यह उसके राष्ट्रीय गौरव और प्रतिष्ठा के खिलाफ जाएगा. दूसरी तरफ, अगर पाकिस्तान CPEC परियोजना की सुरक्षा में विफल रहता है, तो चीन न केवल पाकिस्तान से अपने दिए गए उधारी की राशि वापस मांग सकता है, बल्कि भारी हर्जाना भी वसूल सकता है.
कठोर कदम उठाने की चेतावनी
चीन की दृष्टि पाकिस्तान से कहीं आगे है. चीन का यह मानना है कि अगर बलूच लिबरेशन आर्मी ने ग्वादर बंदरगाह या ग्वादर एयरपोर्ट पर कब्जा कर लिया तो इसका परिणाम पाकिस्तान के लिए गंभीर हो सकता है. चीन के लिए यह केवल पाकिस्तान का आंतरिक मामला नहीं है, बल्कि उसकी वैश्विक आर्थिक परियोजनाओं का सवाल है. चीन ने पाकिस्तान को अपनी सुरक्षा बढ़ाने के लिए कठोर कदम उठाने की चेतावनी दी है. पाकिस्तान को यह स्थिति बेहद कठिनाई में डाल देती है, क्योंकि उसे अपनी आंतरिक स्थिति और प्रतिष्ठा के बीच संतुलन बनाए रखना है.
पाकिस्तान में बलूचिस्तान प्रांत में इन दिनों बड़ी समस्याएं बढ़ रही हैं. पिछले सप्ताह, बलूच लिबरेशन आर्मी के विद्रोहियों ने रेलवे ट्रैक को उड़ा दिया और जाफर एक्सप्रेस को हाइजैक कर लिया, जिसमें 440 यात्री सवार थे. इस हमले में 26 यात्री मारे गए थे. सुरक्षा बलों ने एक जटिल अभियान चलाकर 33 हमलावरों को मार गिराया और बंधकों को मुक्त किया. इस घटना ने पाकिस्तान की आंतरिक सुरक्षा के सवाल को और जटिल बना दिया है.