इराक में लागू हुआ महिलाओं के लिए काला कानून! अब 9 साल की लड़की से शादी कर सकेंगे पुरुष

Iraq News: इस प्रस्तावित संशोधन का दूसरा बदलाव 16 सितंबर को पारित किया गया था, लेकिन यह विवादों का केंद्र बन गया है. आलोचकों का कहना है कि यह संशोधन महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों को कमजोर करेगा और उनके भले के बजाय समाज में असमानता को बढ़ाने का काम करेगा.

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Iraq News: इराक की सरकार ने देश के विवाह कानून में संशोधन करने का प्रस्ताव रखा है,जिसमें 9 साल की लड़कियों से विवाह की अनुमति दी जा सकती है. यह प्रस्ताव इराक में महिला अधिकारों को लेकर विवादों का कारण बन गया है.  द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार, इस प्रस्तावित संशोधन में महिलाओं को तलाक, बच्चों की कस्टडी और संपत्ति के अधिकारों से भी वंचित करने की बात की गई है. 

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार,  इस संशोधन के तहत नागरिकों को यह विकल्प दिया जाएगा कि वे अपने पारिवारिक मामलों का फैसला  धार्मिक प्राधिकरणों या नागरिक न्यायालयों से करवा सकते हैं. यह संशोधन शिया पार्टियों के गठबंधन द्वारा प्रस्तावित किया गया है, जो इसे लड़कियों की सुरक्षा के लिए जरूरी कदम मानते हैं. उनका दावा है कि यह कदम 'अनैतिक संबंधों' से लड़कियों की सुरक्षा के लिए उठाया गया है. 

कानून का दूसरा संशोधन पारित

इस प्रस्तावित संशोधन का दूसरा बदलाव 16 सितंबर को पारित किया गया था, लेकिन यह विवादों का केंद्र बन गया है. आलोचकों का कहना है कि यह संशोधन महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों को कमजोर करेगा और उनके भले के बजाय समाज में असमानता को बढ़ाने का काम करेगा. इससे पहले इराक में 1959 में विवाह को लेकर जो 188 कानून पारित किया गया था,वह  पश्चिम एशिया में एक प्रगतिशील कानून माना जाता था.

इस कानून के तहत, इराक में विवाह के लिए कुछ कड़े नियम थे जिन्हें सभी धार्मिक समूहों को मानना पड़ता था.  हालांकि, नया प्रस्ताव इस कानून को इस्लामी शरीयत के सख्त नियमों के अनुरूप बनाने का प्रयास कर रहा है. 

महिला अधिकार संगठनों ने जताया विरोध

इराकी सरकार का कहना है कि यह संशोधन युवतियों की सुरक्षा के लिए है, लेकिन महिला अधिकार संगठनों और कार्यकर्ताओं ने इस पर विरोध जताया है.  उनका कहना है कि यह कदम महिलाओं के अधिकारों को कमजोर करेगा. सरकारी अधिकारियों का कहना है कि यह कदम शिया इस्लामी शरीयत के पालन के लिए उठाया जा रहा है. 

'बाल विवाह बड़ी समस्या' 

यूनीसेफ के अनुसार, इराक में पहले से ही बाल विवाह की दर उच्च है, और इस संशोधन के बाद यह स्थिति और बिगड़ सकती है. आंकड़ों के अनुसार, इराक में लगभग 28% लड़कियां 18 साल की उम्र से पहले विवाह कर लेती हैं. इस संशोधन से बाल विवाह की दर में और वृद्धि हो सकती है, जो महिला अधिकारों के लिए एक गंभीर चिंता का विषय है. 

'महिला अधिकारों पर बढ़ सकती है बहस'

यह प्रस्तावित संशोधन इराक में महिला अधिकारों को लेकर नई बहस शुरू कर सकता है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय में चिंता का कारण बन सकता है. कई संगठन इस कदम को महिलाओं के अधिकारों पर हमला मान रहे हैं, जो भविष्य में बड़ी बहस का कारण बन सकता है. First Updated : Sunday, 10 November 2024