मनमोहन सिंह के निधन पर दुनिया भर से शोक संदेश, लेकिन पाकिस्तान का मौन
Social media slams: पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर शोक ना जताने को लेकर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को कड़ी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है. इतना ही नहीं, उनके भाई नवाज शरीफ़ ने भी संवेदना व्यक्त नहीं की.
Social media slams: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ की तरफ से भारत के पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के निधन पर संवेदना व्यक्त ना करने और चुप्पी बनाए रखने के फैसले की सोशल मीडिया पर कड़ी आलोचना हो रही है. मनमोहन सिंह का 92 साल की उम्र में निधन हुआ और वे पाकिस्तान के पंजाब के चकवाल जिले के गाह गांव में पैदा हुए थे. वह दो बार भारत के प्रधानमंत्री रह चुके थे.
शहबाज़ शरीफ की चुप्पी पर सवाल
दुनिया भर से शोक संदेशों के बावजूद, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ और उनके भाई नवाज शरीफ़ ने मनमोहन सिंह के निधन पर कोई सार्वजनिक शोक संदेश नहीं जारी किया. केवल पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने अपनी संवेदना व्यक्त की. शहबाज़ और नवाज शरीफ़ की इस चुप्पी पर आलोचकों ने सवाल उठाया है.
इशाक डार की संवेदना, शहबाज़-नवाज़ का मौन
पाकिस्तान सरकार के करीबी अधिकारियों के साथ शहबाज़ शरीफ़ ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जिमी कार्टर के निधन पर संवेदना व्यक्त की. इस पर माइकल कुगेलमैन, विल्सन सेंटर साउथ एशिया इंस्टीट्यूट के निदेशक ने कहा कि यह हैरान करने वाला है, क्योंकि शहबाज़ और नवाज़ शरीफ़ और मनमोहन सिंह समकालीन थे और उनके कुछ समान आर्थिक विचार थे.
व्यंग्यात्मक टिप्पणी और आलोचना
पाकिस्तानी लेखिका आयशा सिद्दीका ने शहबाज़ और नवाज़ की चुप्पी पर व्यंग्य करते हुए कहा कि लगता है वे मोदी को नाराज नहीं करना चाहते. वहीं, आमेर मिर्ज़ा ने कहा कि शहबाज़ और नवाज़ शरीफ़ न तो गंभीर राजनेता हैं और न ही सम्मानजनक आचरण की उम्मीद की जा सकती है.