'गलती हो गई, अब पछता रहा हूं....' यूक्रेन के लिए लड़ने आया ब्रिटिश सैनिक बोला
ब्रिटेन का एक 22 वर्षीय पूर्व सैनिक, जो यूक्रेन में रूस के खिलाफ लड़ने गया था, अब अपनी गलती पर पछता रहा है. उसे रूस के कुर्स्क इलाके में पकड़ लिया गया है. यह युवक पहले ब्रिटिश सेना में था, लेकिन नौकरी खोने के बाद उसने यूक्रेन के लड़ाई में शामिल होने का निर्णय लिया था. अब, रूस में गिरफ्तारी के बाद, वह इस फैसले को एक बेवकूफी भरा कदम मान रहा है. पढ़ें, क्या है इस सैनिक की पूरी कहानी और क्यों वह अब अपनी गलती पर पछता रहा है!
British Mercenary Regret: रूस-यूक्रेन जंग के बीच, एक ऐसी खबर सामने आई है जिसने ब्रिटेन समेत कई देशों का ध्यान खींचा है. रूस ने कुर्स्क क्षेत्र से 22 साल के ब्रिटिश युवक को पकड़ा है, जो यूक्रेन के लिए बतौर भाड़े का सैनिक लड़ रहा था. इस घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं कि आखिर क्यों एक विदेशी नागरिक ने इस जंग में कूदने का फैसला किया और अब उसे अपने कदम पर पछतावा क्यों हो रहा है.
कौन है यह युवक?
यह ब्रिटिश युवक जेम्स स्कॉट राइस एंडरसन है, जो 2019 से 2023 तक ब्रिटिश सेना में था. लेकिन नौकरी छूटने के बाद उसने यूक्रेन के लिए लड़ने का फैसला किया. उसने इंटरनेशनल लीजन के जरिए यूक्रेन की सेना में भर्ती ली. अपनी सफाई में एंडरसन ने कहा कि नौकरी छूटने और पारिवारिक हालात के कारण उसने यह कदम उठाया.
कैसे पहुंचा यूक्रेन?
एंडरसन ने बताया कि वह लंदन से पोलैंड के क्राको तक फ्लाइट से पहुंचा. फिर बस से पोलैंड-यूक्रेन सीमा पर मेडिका गांव आया, जहां से यूक्रेन जाने वाले भाड़े के सैनिकों का एक सेंटर है. वह यहां से सीधे जंग के मैदान में पहुंचा.
कैसे हुआ गिरफ्तार?
रूस के प्लेखोवो गांव में एंडरसन को पकड़ा गया. यह वही जगह है, जिसे यूक्रेनी सेना ने अपना “गढ़” बना रखा था. रूस का कहना है कि इस इलाके को जल्द ही पूरी तरह कब्जे से मुक्त कर दिया जाएगा. एंडरसन की गिरफ्तारी पर फिलहाल ब्रिटेन और रूस दोनों ही सरकारों ने कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है. एंडरसन ने रूसी मीडिया के कैमरे के सामने कहा कि उसे अपने फैसले पर पछतावा है. उसने इसे "बेवकूफी भरा विचार" बताया और कहा कि उसने इस जंग में सब कुछ खो दिया है.
रूस का पलटवार और कोरियाई सैनिकों की एंट्री
रूस अब कुर्स्क क्षेत्र को यूक्रेन के कब्जे से छुड़ाने के लिए कोरियाई सैनिकों समेत 50,000 सैनिक तैनात कर चुका है. यूक्रेनी सेना ने हाल के दिनों में दुश्मन के हमलों के चलते अपने कब्जे वाले इलाकों का बड़ा हिस्सा खो दिया है. एंडरसन की कहानी इस बात का उदाहरण है कि कैसे युद्ध में जाने के फैसले कई बार भारी पड़ जाते हैं. जंग न सिर्फ देशों को बल्कि आम लोगों की जिंदगी को भी तबाह कर देती है. इस घटना ने अंतरराष्ट्रीय राजनीति और युद्ध में शामिल बाहरी सैनिकों पर नई बहस छेड़ दी है.