India Permanent Membership In UNSC: संयुक्त राष्ट्र महासभा के मंच से भारत के समर्थन में आवाज उठने लगी है. UN (संयुक्त राष्ट्र) में PM मोदी के संबोधन के बाद UNSC (संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद) में भारत की दावेदारी मजबूत होती नजर आ रही है. अब ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने भी भारत को UNSC की स्थाई सदस्य बनाने के समर्थन में बयान दिया है. उन्होंने यह कदम अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के भारत की मांग को समर्थन देने के बाद उठाया है. खैर अब देखना होगा कि चीन यहां वीटो लगाता है या वो भी भारत के पक्ष में आता है.
बता दें भारत लंबे समय से UNSC (संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद) में स्थायी सदस्यता के लिए दावेदारी करता रहा है. इसके लिए उसे अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस का समर्थन भी मिलता रहा है. हालांकि, चीन के वीटो के कारण अभी तक ऐसा नहीं हो पाय. अब चीन को छोड़कर लगभग सभी देश एक साथ भारत के समर्थन में है. इस कारण दावेदारी और मजबूत लग रही है.
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने गुरुवार को 79वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र में भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) का स्थायी सदस्य बनाने के लिए समर्थन व्यक्त किया. अपने संबोधन में ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने कहा कि सुरक्षा परिषद को अधिक प्रतिनिधि बनाने की जरूरत है, जो कार्रवाई करने में सक्षम हो, न कि राजनीति के चलते पंगु हो जाए.
स्टारमर ने आगे कहा कि हम सुरक्षा परिषद में स्थायी अफ्रीकी प्रतिनिधित्व, ब्राजील, भारत, जापान और जर्मनी को स्थायी सदस्य के रूप में देखना चाहते हैं. साथ ही अधिक निर्वाचित सदस्यों के लिए भी सीटों का विस्तार होना चाहिए.
इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने भी भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनाने की मांग की थी. वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पांच स्थायी सदस्य और 10 अस्थायी सदस्य होते हैं. अस्थायी सदस्य संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा दो साल के कार्यकाल के लिए चुने जाते हैं. पांच स्थायी सदस्यों में रूस, यूनाइटेड किंगडम, चीन, फ्रांस और संयुक्त राज्य अमेरिका है. इनके पास वीटो का पावर है.
बुधवार को इमैनुएल मैक्रों ने अपने संबोधन के दौरान भारत को UNSC का स्थायी सदस्य बनाने की बात कही. उन्होंने ब्राजील, जापान, जर्मनी और दो अफ्रीकी देशों की सदस्यता का भी समर्थन किया. मैक्रों ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र को और अधिक प्रभावी बनाएं. इसे अधिक प्रतिनिधि देने वाला बनाना जरूरी है. इसलिए फ्रांस सुरक्षा परिषद के विस्तार के पक्ष में है.
पिछले हफ्ते अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता के लिए समर्थन व्यक्त किया था. क्वाड नेताओं के शिखर सम्मेलन के दौरान नेताओं ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में व्यापक सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया. ये चर्चा 21 सितंबर को डेलावेयर के विलमिंगटन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति बाइडेन के बीच द्विपक्षीय वार्ता के बाद हुई.