लड़कियों के शरीर से खेलना, भूख-प्यास से तड़पाना, इस तानाशाह की हैवानियत सुनकर कंपा जाएगी रूह!
History: इतिहास में कई ऐसे तानाशाह रहे हैं जिनके अजीब शोक की वजह से लोगों को अपनी जान तक गंवानी पड़ती थी. आज हम लेकर आए हैं कर्नल मुअम्मर गद्दाफी की तानाशाही के वो किस्से जिनसे लोगों की रूह कांप जाए.
History: एक फिल्म आई थी 'द डिक्टेटर', जो कि एक काल्पनिक तानाशाह की कहानी पर बनाई गई थी. इस फिल्म में जो तानाशाह दिखाया गया था वो अपनी खुशी के लिए लोगों की जिंगदी कोतबाह करता घूमता था. उसको फर्क नहीं पड़ता था कि उसकी वजह से कोई किसी परेशानी का सामना भी कर रहा है. हालांकि इस कहानी को उत्तरी अफ्रिका स्थित लीबिया के पूर्व तानाशाह कर्नल मुअम्मर गद्दाफी के जीवन से मिता जुलता बताया गया था.
कौन था तानाशाह कर्नल मुअम्मर गद्दाफी?
'द डिक्टेटर' को लेकर कहा भी था कि जो इस फिल्म का किरदार है वो तानाशाह कर्नल मुअम्मर गद्दाफी से ही प्रेरित है. गद्दाफी को लेकर कहा जात है कि वो अपने हरम में लड़कियों को इतना परेशान कर देता था कि उन लड़कियों की जीने की इच्छा खत्म हो जाती थी. जहां पर औरते रहती थीं वहां पर किसी भी मर्द का आना मना था वहां सिर्फ और सिर्फ ये तानाशाह ही आ सकता था.
तड़पाकर मिलता था सुकून
गद्दाफी को लेकर कहा जाता है कि वो इतना जालिम था कि लड़कियों को तड़पाने में उसको बहुत मडा आता था. जैसे उसनको अश्लील फिल्में दिखाना, उनके शरीर से खेलता, भूख-प्यास से तड़पाने में मानों उसको मजा आता था. इन सारी बातों की जानकारी बाहर लाने वाली फ्रांसीसी महिला पत्रकार एनिक कोजिन थीं, जिन्होंने उन औरतों से बात की थी जो उस तानाशह के हरम में मौजूद थी. गद्दाफी की क्रूरता के इतने किस्से थे कि उसके लिए 'गद्दाफी के हरम की शिकार' नाम की किताब लिखनी पड़ी थी.
'सोराया' की कहानी
गद्दाफी पर लिखी किताब में सबसे दर्दनाक उस बच्ची की कहानी थी जो अपने लिए बड़े बड़े सपने देख रही थी. लीबिया की रहने वाली सोराया पर गद्दाफी की कीली नजर उसके स्कूल में पड़ी थी. जानकारी के मुताबिक गद्दाफी को स्कूल्स में जाने का बहुत शौक था. एक दिन गद्दाफी 'सोराया' के स्कूल पहुंचा जहां पर उस मासूम बच्ची ने गद्दाफी को फूलों का गुलदस्ता देकर स्वागत किया था. इस दौरान गद्दाफी की नजर इस बच्ची पर पड़ी, इस दौरान गद्दाफी ने बच्ची के सिर पर हाथ रखा. गद्दाफी का सिरपर हाथ रखना मतलब वो लड़की उसको पसंद आ गई, और वो उसकी हो जाती थी.
पूरी जांच के बाद ही भेजा जाता था गद्दाफी के पास
जब सोराया के सिर पर गद्दाफी ने हाथ रखा तभी से उस बच्ची को उस तानाशाह के लिए तैयार किया जाने लगा. सोराया के खून का टेस्ट किया गया उसको सजाकर कम कपड़ों में तानाशाह के सामने पेश किया गया. उस मासूम ने इसका पूरा विरोध किया लेकिन वो हार गई. किताब में लिखा गया कि उन बच्चियों की अपनी कोई जिंदगी नहीं थी जब गद्दाफी चाहता था वो लड़कियां उसका मन बहलाने के लिए आती थी.
जानकारी के मुताबिक, वो सोराया हमेशा छुपकर रही हैं. वो भले ही तानाशाह की कद से बाहर आ गईं हो लेकिन अपने घर वालों के डर से वो छुपी रहीं. उनको लगता था कि अगर घर वालें देखेंगे तो वोनफरत में इनकी जान ले सकते हैं. इसी वजह से अपनी पूरी जिंदगी गुमनामी में गुजारी. ये तो महज एख कहानी है, इसके जैसी ना जाने कितनी ही
सोराया इस तानाशाह की हमस के आगे हार गई होंगी.