Canada: अंतर्राष्ट्रीय छात्रों को आकर्षित करने के लिए कनाडा के कॉलेज दे रहे हैं 20,000 डॉलर तक की छात्रवृत्ति
केवल 30 प्रतिशत छात्रों ने मई में प्रवेश के लिए आवेदन किया है और केवल 10-15 प्रतिशत ने सितंबर में प्रवेश के लिए रुचि दिखाई है. वर्तमान में कनाडाई कॉलेजों में बड़ी संख्या में सीटें रिक्त हैं. यह पिछले वर्षों की तुलना में बिल्कुल विपरीत है, जब प्रतिवर्ष 200,000 से अधिक छात्र कनाडा की यात्रा करते थे.

इंटरनेशनल न्यूज. कनाडा में पढ़ाई करने वाले अंतर्राष्ट्रीय छात्रों की संख्या में लगातार गिरावट देखी जा रही है. इसके पीछे मुख्य कारण है कनाडा सरकार की नई सख्त नीतियां और स्टूडेंट वीजा रिजेक्शन की बढ़ती दर. इसी वजह से अब कनाडा के कई सार्वजनिक कॉलेजों में करीब 70% सीटें खाली पड़ी हैं. विदेशी छात्रों की घटती संख्या को देखते हुए कनाडा के पब्लिक कॉलेज्स ने एक बड़ा कदम उठाया है. अब ये कॉलेज हर साल 2,000 कनाडाई डॉलर से लेकर 20,000 कनाडाई डॉलर तक की स्कॉलरशिप देने की पेशकश कर रहे हैं. इसका उद्देश्य है कि छात्रों को वित्तीय सहायता दी जाए और कनाडा को फिर से पढ़ाई के लिए पसंदीदा गंतव्य बनाया जाए.
पीजीडब्ल्यूपी वाले कोर्स ही रहेंगे जारी
इसके अलावा कनाडा सरकार ने कॉलेजों के कोर्स से जुड़ा भी बड़ा बदलाव किया है. अब लगभग सभी सार्वजनिक कॉलेजों ने ऐसे कोर्स बंद कर दिए हैं, जिन्हें पूरा करने के बाद पोस्ट-ग्रेजुएशन वर्क परमिट (PGWP) नहीं मिलता था. इससे अब वही कोर्स कराए जाएंगे, जो इंडस्ट्री की मांग के अनुसार होंगे और जिनसे छात्रों को पढ़ाई पूरी करने के बाद काम करने की सुविधा मिल सके.
छात्रों के लिए नए मौके
इन बदलावों के बाद अब इंटरनेशनल छात्रों को पढ़ाई के साथ-साथ कनाडा में करियर बनाने का भी बेहतर मौका मिलेगा. सरकार चाहती है कि जो भी छात्र कनाडा में पढ़ाई करने आएं, वे पढ़ाई पूरी होने के बाद यहीं काम करें और बसें. इन नए नियमों और स्कॉलरशिप से कनाडा फिर से ग्लोबल छात्रों के लिए एक बड़ा आकर्षण बनने की कोशिश कर रहा है.
कनाडा में बसने को प्राथमिकता
कई पंजाबी छात्र कनाडा में बसना पसंद करते हैं, जहां शिक्षा को गौण माना जाता है. कुछ युवा पुरुष, जो उच्च शिक्षित नहीं हैं, कनाडा में अपनी पढ़ाई का खर्च वहन करने के लिए आईईएलटीएस स्कोर वाली शिक्षित लड़कियों से विवाह कर रहे हैं. हालांकि, कई स्नातक पाठ्यक्रमों के लिए पति-पत्नी के लिए खुले कार्य परमिट के बंद होने से कई लोग अपने पति-पत्नी की पढ़ाई को प्रायोजित करने से कतराने लगे हैं, क्योंकि उन्हें डर है कि वे अपने पति-पत्नी के साथ नहीं जा पाएंगे.


