Canada Controversy: भारत की अध्यक्षता में आयोजित G-20 शिखर सम्मेलन से वापस जाने के बाद कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत के खिलाफ मोर्चा खोल दिया जिसके बाद भारत सरकार ने भी उसे करारा जवाब दिया है. खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की मौत के कारण शुरू हुआ यह विवाद अब दोनों देशों के संबंधों के बीच दीवार खड़ी कर चुका है. भारत ने कनाडा के लोगों के लिए अनिश्चित काल तक वीजा पर प्रतिबंध लगा दिया है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या कनाडा भी भारत जैसा कोई कदम उठा सकता है. क्या वह भी भारतीय नागरिकों के वीजा पर प्रतिबंध लगा सकता है. क्योंकि अगर ऐसा हुआ तो भारत से कनाडा में पढ़ाई के लिए जाने वाले लाखों स्टूडेंट्स के लिए भारी समस्या होने वाली है.
चलिए बताते हैं उन संभावनाओं के बारे में जिनके बल पर लोगों को ये भय सता रहा है कि अगर कनाडा ने भारतीयों के वीजा पर बैन लगा दिया तो उन लाखों छात्रों का क्या होगा जो हर साल भारत से कनाडा पढ़ाई के लिए जाते हैं. इस मसले पर अगर हम गंभीरता से नजर डालें तो इस बात की गुंजाइश बहुत कम नजर आती है कि कनाडा भारतीयों को अपने देश में प्रवेश देने से रोक सकता है. इसके पीछे जो सबसे बड़ा कारण है वह है भारतीय छात्रों से कनाडा की अर्थव्यवस्था को होने वाला बंपर फायदा.
हाल ही में एक रिपोर्ट प्रकाशित हुई है जिसके आंकड़े हैरान कर देने वाले हैं. इन आंकड़ों से साफ होता है कि भारत के केवल पंजाब के छात्र ही कनाडा की एजुकेशन में हजारों करोड़ रुपए निवेश करते हैं. भारत से जितने छात्र कनाडा पढ़ाई के लिए जाते हैं उनमें 60 फीसदी हिस्सेदारी अकेले पंजाब राज्य के छात्रों की है.
खालसा वॉक्स की शनिवार की रिपोर्ट के अनुसार, विश्लेषण से पता चला कि पंजाब से हर साल कनाडा में 68,000 करोड़ रुपये जाते हैं। रिपोर्ट्स की मानें तो, पिछले साल शरणार्थी और नागरिकता कनाडा (आईआरसीसी) के तहत कनाडा द्वारा कुल 2 लाख 26 हाजार 450 वीजा स्वीकृत किए गए थे। इनमें से एक महत्वपूर्ण हिस्सा पंजाब से था। लगभग 1.36 लाख छात्र भारतीय राज्य पंजाब से थे। ये छात्र औसतन दो से तीन साल की duretion वाले अलग-अलग पाठ्यक्रम में पढ़ाई कर रहे हैं। स्टूडेंट वीजा प्रोसेसिंग एजेंसियों के वर्तमान आंकड़ों से पता चलता है कि लगभग 3.4 लाख पंजाबी छात्र वर्तमान में कनाडा भर के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में पढ़ रहे हैं।
अगर हम पिछले सालों से तुलना करें तो पाएंगे की कनडा जाने वाले छात्रों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. खबरों की मानें तो 2008 तक हर साल केवल 38,000 पंजाबी कनाडा के लिए आवेदन करते थे, लेकिन अब यह संख्या कई गुना तेजी से बढ़ रही है. एक रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले साल लगभग 1.36 लाख पंजाबी छात्रों ने कनाडा की यात्रा की. प्रत्येक छात्र को औसत वार्षिक शुल्क 17,000 कनाडाई डॉलर यानी 10 लाख रुपए से अधिका का भुगतान करना पड़ा.
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो से जब वहां की मीडिया ये सवाल करती है कि क्या कनाडा कि तरफ से भी भारतीयों का वीजा कैंसल किया जाएगा तो पीएम ट्रूडो सवाल से कन्नी काटते हुए नजर आते हैं. First Updated : Saturday, 23 September 2023