Canada Politics: ट्रूडो की पार्टी में बगावत, 24 सांसदों ने मांगा इस्तीफा, 28 अक्टूबर तक दिया अल्टीमेटम

Canada News: कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं. 23 अक्टूबर Canada Politics: 2024 को लिबरल पार्टी के 24 सांसदों ने बंद कमरे में हुई एक बैठक के दौरान ट्रूडो से लिबरल पार्टी के नेता पद से इस्तीफा देने की मांग की. इन सांसदों ने 28 अक्टूबर तक का अल्टीमेटम देते हुए ट्रूडो को अपने भविष्य का फैसला करने को कहा है.

Deeksha Parmar
Deeksha Parmar

Canada Politics:  कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की मुश्किलें कम होने की बजाए बढ़ते ही जा रही है. लेकिन फिर भी उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि वे अपने पद से पीछे हटने के मूड में नहीं हैं. लिबरल पार्टी के लगभग दो दर्जन सांसदों द्वारा दिए गए 28 अक्टूबर तक के इस्तीफे के अल्टीमेटम के बावजूद, ट्रूडो ने गुरुवार को मीडिया के सामने कहा कि वे अगले चुनाव में भी पार्टी का नेतृत्व करेंगे.

मीडिया से बातचीत के दौरान, ट्रूडो ने जोर देकर कहा कि वे लिबरल पार्टी का नेतृत्व छोड़ने का कोई इरादा नहीं रखते. उन्होंने कहा कि वे अगले चुनाव की रणनीति पर काम कर रहे हैं और पार्टी को जीत दिलाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं. जब उनसे सीधे पूछा गया कि क्या वे 28 अक्टूबर के बाद भी प्रधानमंत्री और पार्टी नेता बने रहेंगे, तो ट्रूडो ने साफ शब्दों में जवाब दिया 'हां'.

ट्रूडो की पार्टी में बगावत की वजह

बैठक में असंतुष्ट सांसदों ने सीधे ट्रूडो के सामने अपनी नाराजगी और निराशा व्यक्त की. इन सांसदों का मानना है कि अगर ट्रूडो के नेतृत्व में अगला चुनाव लड़ा गया, तो पार्टी को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है. इसके चलते पार्टी में नेतृत्व परिवर्तन की मांग उठ रही है, और सांसदों का कहना है कि पार्टी को बचाने के लिए ट्रूडो को पद छोड़ना चाहिए.

भारत-कनाडा संबंध और राजनीतिक संकट

जस्टिन ट्रूडो ने पिछले साल कनाडा की संसद में खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में भारत पर गंभीर आरोप लगाए थे, जिसके बाद से भारत और कनाडा के रिश्तों में खटास आ गई. ट्रूडो के इन आरोपों को भारत ने बेतुका और निराधार बताते हुए खारिज किया है. इस मामले के बाद ट्रूडो की छवि को काफी नुकसान पहुंचा है, और पार्टी के भीतर असंतोष बढ़ गया है.

इस्तीफे की मांग को लेकर बढ़ता दबाव

बैठक के दौरान सांसद पैट्रिक वीलर ने एक दस्तावेज पेश किया, जिसमें ट्रूडो के इस्तीफे की आवश्यकता को रेखांकित किया गया. इसमें यह भी तर्क दिया गया कि अगर ट्रूडो पद छोड़ते हैं, तो लिबरल पार्टी में नए सिरे से ऊर्जा का संचार हो सकता है, जैसा कि अमेरिका में राष्ट्रपति जो बाइडन के पुनः चुनाव न लड़ने के निर्णय के बाद डेमोक्रेट्स में देखा गया.

ट्रूडो के समर्थन में भी उठी आवाजें

हालांकि, इस बैठक में ट्रूडो के खिलाफ आवाजें उठने के बावजूद कुछ सांसदों ने उनके समर्थन में भी बयान दिए. बैठक में तीन घंटे तक चर्चा चली, जिसमें सांसदों को अपनी बात रखने के लिए दो मिनट का समय दिया गया. कई सांसदों ने ट्रूडो के नेतृत्व का समर्थन किया, वहीं इमिग्रेशन मंत्री मार्क मिलर ने असंतुष्ट सांसदों की चिंताओं को स्वीकार करते हुए उन्हें अपनी बात रखने का सम्मान दिया.

कनाडा में मौजूदा राजनीतिक संकट भारत-कनाडा के बिगड़ते संबंधों और लिबरल पार्टी के आंतरिक असंतोष से प्रेरित है. 28 अक्टूबर की डेडलाइन ट्रूडो के राजनीतिक भविष्य के लिए अहम साबित हो सकती है. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या जस्टिन ट्रूडो पार्टी की उम्मीदों पर खरे उतरते हैं या पार्टी के दबाव में इस्तीफा देकर नई दिशा की ओर कदम बढ़ाते हैं.

calender
25 October 2024, 07:38 AM IST

जरूरी खबरें

ट्रेंडिंग गैलरी

ट्रेंडिंग वीडियो