डोनाल्ड ट्रंप की जीत से कनाडा के लिए पैदा होंगी गंभीर मुश्किलें  

कनाडा में डोनाल्ड ट्रंप की जीत को लेकर फैली चिंता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि बुधवार को वित्त मंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड को कनाडाई नागरिकों को भरोसा दिलाना पड़ा। उन्होंने कहा, "रात भर कई कनाडाई चिंतित थे, और मैं उन्हें आश्वस्त करना चाहती हूं कि कनाडा पूरी तरह सुरक्षित रहेगा। हमारे संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ मजबूत संबंध हैं और राष्ट्रपति ट्रंप तथा उनकी टीम के साथ भी हमारे संबंध अच्छे हैं।"

Lalit Sharma
Lalit Sharma

इंटरनेशनल न्यूज. वॉशिंगटन में अगले अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के लिए कई मुश्किलें पैदा कर सकती है। रिपब्लिकन नेता ट्रंप, जिन्होंने कभी ट्रूडो को 'दूर-वामपंथी पागल' कहा था, के सत्ता में लौटने से कनाडा-अमेरिका संबंधों में तनाव बढ़ सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप की वापसी से व्यापार विवाद गहरे हो सकते हैं, जिसका असर कनाडा की अर्थव्यवस्था पर पड़ सकता है। गौरतलब है कि कनाडा का 75% निर्यात अमेरिका को ही जाता है, और आगामी चुनाव में ट्रूडो की संभावित हार को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं। आइए समझते हैं कि ट्रंप की जीत कनाडा के लिए क्या मायने रखती है।

कनाडा पर व्यापारिक संकट का खतरा

कनाडा दुनिया का चौथा सबसे बड़ा कच्चा तेल उत्पादक है। वहीं, ट्रंप की योजना सभी आयातों पर 10% टैरिफ लगाने की है और इसके साथ ही वे अमेरिकी ऊर्जा उत्पादन को भी बढ़ावा देना चाहते हैं। यह नीति कनाडा के लिए काफी नुकसानदायक साबित हो सकती है। फ्यूचर बॉर्डर्स कोएलिएशन की विशेषज्ञ लॉरा डॉसन ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा कि असली चुनौती निवेशकों का कनाडा से धीरे-धीरे हटना हो सकती है। उनका मानना है कि ट्रंप का चार साल का कार्यकाल कनाडा के लिए लंबा और चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है।

ट्रूडो पर ट्रंप के तीखे बयान

डोनाल्ड ट्रंप ने 2022 में कोविड-19 टीकाकरण को लेकर ट्रूडो पर कटाक्ष करते हुए उन्हें 'दूर-वामपंथी पागल' कहा था। इससे पहले, 2018 में G-7 शिखर सम्मेलन के दौरान भी ट्रंप ने ट्रूडो को 'बेईमान और कमजोर' कहकर आलोचना की थी। इस तरह के बयानों से दोनों नेताओं के बीच कड़वाहट का अंदाजा लगाया जा सकता है।

हालांकि, ट्रूडो ने बुधवार को ट्रंप को चुनावी जीत की बधाई देते हुए दोनों देशों के संबंधों को मजबूत बनाए रखने की बात कही। ट्रूडो ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट पर लिखा कि अमेरिका और कनाडा की मित्रता दुनिया के लिए प्रेरणा है और वे दोनों देशों के विकास, सुरक्षा और समृद्धि के लिए मिलकर काम करेंगे।

कनाडा में ट्रंप की जीत को लेकर चिंता

ट्रंप की जीत के बाद गहराई चिंता इस बात से भी झलकती है कि कनाडा की वित्त मंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड ने कनाडाई नागरिकों को आश्वस्त करने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि अमेरिका और कनाडा के बीच मजबूत संबंध हैं और ट्रंप के कार्यकाल में भी ये रिश्ते बेहतर बने रहेंगे। फ्रीलैंड ने कहा कि कई कनाडाई नागरिक ट्रंप की जीत से चिंतित थे, परन्तु सरकार इस स्थिति को संभाल लेगी।

इस साल की शुरुआत में ही ट्रूडो ने कहा था कि ट्रंप का फिर से राष्ट्रपति बनना कनाडा के लिए एक बड़ी चुनौती हो सकती है। आर्थिक विश्लेषकों ने भविष्यवाणी की है कि ट्रंप की नीतियों के कारण कनाडा की जीडीपी में 2028 तक 1.7% की गिरावट हो सकती है, जो कि किसी डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति की तुलना में कहीं अधिक है।

कनाडा में मंदी की आशंका

कनाडाई चैंबर ऑफ कॉमर्स का कहना है कि ट्रंप के प्रस्तावित 10% टैरिफ से कनाडा की आय और उत्पादकता में गिरावट आ सकती है। इस टैरिफ से कनाडा की वास्तविक आय में प्रति वर्ष 0.9% और श्रम उत्पादकता में लगभग 1% की कमी आ सकती है। इसके अलावा, यदि अन्य देश भी इसका जवाबी कदम उठाते हैं, तो व्यापार युद्ध की स्थिति बन सकती है, जिससे कनाडा की आय में और गिरावट हो सकती है। चैंबर के अनुसार, ऐसे हालात में हर साल 1.5% तक की आय में कमी और श्रम उत्पादकता में 1.6% की गिरावट संभव है।

नॉर्थ अमेरिकन व्यापार समझौते पर ट्रंप की पुनः वार्ता

ट्रंप ने 2017 में राष्ट्रपति बनने के बाद से ही कनाडा और मैक्सिको के साथ व्यापार समझौतों पर पुनर्विचार की योजना बनाई थी। उनका मानना था कि अमेरिका के व्यापारिक साझेदार अमेरिका का फायदा उठा रहे हैं। हालांकि, कनाडा के नेता इस मुद्दे पर खुलकर प्रतिक्रिया देने से बचते आए हैं। जनवरी में ट्रूडो ने वरिष्ठ लिबरल नेताओं से कहा था कि यदि ट्रंप फिर से सत्ता में आते हैं, तो यह कनाडा के लिए काफी मुश्किल भरा समय हो सकता है।

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07 November 2024, 09:26 AM IST

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