बांग्लादेश में मस्जिद की पवित्रता को चुनौती, जूतम-पैजार का वीडियो हुआ वायरल!

बांग्लादेश से एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है, जहां मस्जिद के अंदर दो गुटों के बीच जूतम-पैजार हुई. सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में लोग एक-दूसरे पर जूते फेंकते और झगड़ते नजर आ रहे हैं. यह घटना इस बात का संकेत है कि देश में धार्मिक तनाव बढ़ रहा है. हालात सामान्य नहीं हैं और अब सवाल यह उठता है कि मस्जिद जैसे पवित्र स्थान पर ऐसी हिंसा क्यों हो रही है.

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Bangladesh: बांग्लादेश में हाल के दिनों में हुई एक हैरान करने वाली घटना ने सभी को चौंका दिया है. मस्जिद के अंदर जूतम-पैजार का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें दो समूह एक-दूसरे से भिड़ते नजर आ रहे हैं. इस घटना ने एक बार फिर से बांग्लादेश में सुरक्षा और शांति को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं.

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो में दो गुट मस्जिद के अंदर लड़ते हुए दिख रहे हैं. इस दौरान लोग एक-दूसरे पर जूते-चप्पल फेंक रहे हैं और गुत्थमगुत्था होते नजर आ रहे हैं. वीडियो को @gharkekalesh नामक अकाउंट से शेयर किया गया है. इसे देखने के बाद कई लोगों ने हैरानी जताई है कि आखिर मस्जिद जैसे पवित्र स्थान पर ऐसी घटना कैसे हो सकती है.

बांग्लादेश में बढ़ती हिंसा

बांग्लादेश में पिछले कुछ समय से हिंदू समाज और मंदिरों पर हमले की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं. शेख हसीना की सरकार के आने के बाद हालात में सुधार की उम्मीद थी, लेकिन हालात सामान्य नहीं हुए हैं. इस बीच, मस्जिद में हुई हिंसा ने स्थिति को और भी गंभीर बना दिया है. वीडियो में नजर आ रहे लोग स्पष्ट रूप से एक-दूसरे के दुश्मन बने हुए हैं जो किसी बड़ी समस्या का संकेत है.

वायरल वीडियो का असर

यह वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. केवल दो घंटों में इसे 18 हजार से अधिक बार देखा गया है. इस पर सैकड़ों लोगों ने कमेंट किए हैं. एक यूजर ने लिखा, 'पागल लोग, जगह भी नहीं देखते कि हम कहां हैं.' जबकि दूसरे ने कहा, 'यह मदरसा बनाम नॉन-मदरसा लगता है.' ऐसे कमेंट्स इस बात को दर्शाते हैं कि लोग इस घटना को लेकर कितना चिंतित हैं.

बांग्लादेश में हो रही इस तरह की घटनाएं एक बार फिर से यह सवाल खड़ा करती हैं कि क्या समाज में असहिष्णुता बढ़ती जा रही है. मस्जिद जैसे पवित्र स्थल पर जूतम-पैजार एक गंभीर चिंता का विषय है. इससे यह भी संकेत मिलता है कि बांग्लादेश में सामाजिक सौहार्द और धार्मिक सहिष्णुता की आवश्यकता है. ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है ताकि देश में शांति और सद्भाव बना रहे. First Updated : Saturday, 21 September 2024