चीन ने लॉन्च किया चांग'ई-6 मिशन, चंद्रमा की सतह से इकट्ठा करेगा सैंपल
Chang'e-6 Mission: चीन का यह पूरा मिशन 53 दिनों तक चलेगा. बता दें कि चंद्रमा का सुदूर भाग पृथ्वी से दिखाई नहीं देता है. प्रक्षेपण( लॉन्च) के एक घंटे बाद, चीनी अधिकारी ने एलान किया कि चांग'ई-6 का प्रक्षेपण पूरी तरह सफल रहा.
Chang'e-6 Mission: चीन ने आज ( 3 मई) चंद्रमा के सुदूर हिस्से से चट्टान और मिट्टी के नमूने एकत्र करने वाला पहला देश बनने का लक्ष्य रखते हुए वेनचांग सैटेलाइट लॉन्च सेंटर से लॉन्ग मार्च 5 रॉकेट पर अपना चांग'ई-6 मिशन लॉन्च कर दिया है. चांग'ई-6 अपोलो क्रेटर के दक्षिणी हिस्से में उतरने का लक्ष्य बना रहा है, जो चंद्रमा के सुदूर हिस्से पर दक्षिणी ध्रुव-एटकेन (एसपीए) बेसिन के अंदर स्थित है. ऐसा माना जाता है कि इस प्राचीन, विशाल प्रभाव बेसिन में चंद्रमा की संरचना और प्रारंभिक इतिहास के बारे में मूल्यवान सुराग मिलते हैं. चीन का सबसे बड़ा रॉकेट लॉन्ग मार्च-5 शाम 5:27 बजे लॉन्च हुआ.
इतने दिन तक चलेगा ये मिशन
चीन का यह पूरा मिशन 53 दिनों तक चलेगा. बता दें कि चंद्रमा का सुदूर भाग पृथ्वी से दिखाई नहीं देता है. प्रक्षेपण ( लॉन्च) के एक घंटे बाद, चीनी अधिकारी ने एलान किया कि चांग'ई-6 का प्रक्षेपण पूरी तरह सफल रहा. चंद्रमा पर रिसर्च के लिए (लॉन्ग मार्च-5 वाई8) रॉकेट द्वारा चीन के दक्षिणी द्वीप प्रांत हैनान के तट पर वेनचांग अंतरिक्ष प्रक्षेपण स्थल से आसानी से लॉन्च किया गया. जिसका सरकारी टेलीविजन द्वारा सीधा दिखाया गया.
मिशन को लेकर क्या बोला CNSA?
चीन राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रशासन( सीएनएसए) के अनुसार, चांग'ई 6 में चार घटक शामिल हैं. एक ऑर्बिटर, एक लैंडर, एक एसेंडर और एक पुनः प्रवेश मॉड्यूल. चंद्रमा पर धूल और चट्टानों के सैंपल को इकट्ठा करने के बाद, उन्हें पुन: प्रवेश मॉड्यूल में ट्रांसफर करने के लिए चंद्र ऑर्बिटर में ले जाएगा. उसके बाद उन्हें वापस पृथ्वी पर लाया जाएगा. इससे पहले सीएनएसए ने कहा था कि मिशन खुद से सैंपल इकट्ठा, टेक-ऑफ और चंद्रमा के दूर से चढ़ाई जैसी प्रमुख टेक्नॉलजी में सफलता हासिल करने के लिए तैयार है। इस बीच यह लैंडिंग क्षेत्र का वैज्ञानिक अन्वेषण करेगी.
इस मिशन में पाकिस्तान का ऑर्बिटर भी शामिल
सीएनएसए ने एलान किया है कि फ्रांस, इटली और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी/स्वीडन के वैज्ञानिक उपकरण चांग'ई-6 मिशन के लैंडर पर और ऑर्बिटर पर एक पाकिस्तानी पेलोड होंगे. यह पहली बार है कि चीन ने अपने चंद्रमा मिशन में पाकिस्तान के ऑर्बिटर को शामिल किया है.
दोनों देशों ने मिलकर तैयार की सैटेलाइट
इंस्टीट्यूट ऑफ स्पेस टेक्नोलॉजी (आईएसटी) के हवाले से पाकिस्तान से आई रिपोर्ट के अनुसार, सैटेलाइट आईसीयूबीई-क्यू को चीन की शंघाई यूनिवर्सिटी एसजेटीयू और पाकिस्तान की राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी सुपारको के सहयोग से आईएसटी द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है. आईसीयूबीई-क्यू ऑर्बिटर चंद्रमा की सतह की छवि लेने के लिए दो ऑप्टिकल कैमरे ले जाता है.
इस बड़ी योजना के फिराक में हैं चीन
चांग'ए चंद्र अन्वेषण जांच का नाम चीनी पौराणिक 'चंद्रमा देवी' के नाम पर रखा गया है. चांग'ई 5 चंद्रमा के निकट से नमूने लेकर आया है. चीनी ने कहा कि नमूनों के विश्लेषण से पता चला कि उनमें चंद्र की धूल में लगे छोटे कणों में पानी था. चीन भविष्य में चंद्रमा पर एक चंद्र स्टेशन बनाने की भी योजना बना रहा है.