USA H-1B Visa: अमेरिका के यूएस सिटिजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेज (USCIS) ने H-1B वीजा नियमों में बड़े बदलाव की घोषणा की है. ये वीजा प्रोग्राम अमेरिका में आईटी, फाइनेंस और अन्य स्किल सेक्टर्स में विदेशी वर्कर्स को नौकरी देने के लिए चलाया जाता है. नियमों से कंपनियों और वर्कर्स दोनों को लाभ मिलने की उम्मीद है.
H-1B वीजा पर भारतीय नागरिकों की खास नजर रहती है, क्योंकि इसे हासिल करने वालों में बड़ी संख्या भारतीयों की होती है. ये वीजा उन विदेशी छात्रों के लिए भी फायदेमंद है, जो अमेरिकी यूनिवर्सिटी से पढ़ाई पूरी करने के बाद नौकरी की तलाश में होते हैं.
हर साल कितने वीजा जारी होते हैं?
अमेरिका हर साल 65,000 H-1B वीजा जारी करता है. उन छात्रों के लिए अतिरिक्त 20,000 वीजा भी जारी किए जाते हैं जिन्होंने अमेरिका की यूनिवर्सिटी से डिग्री प्राप्त की है.
H-1B वीजा में क्या बदलाव हुए हैं?
प्रायर डेफरेंस पॉलिसी लागू:
पहले H-1B वीजा एक्सटेंड कराने के लिए पूरी प्रक्रिया दोबारा करनी पड़ती थी
अब जिनके पास पहले से वीजा है, उन्हें प्रायर डेफरेंस पॉलिसी के तहत आसानी से एक्सटेंशन मिल जाएगा
यह पॉलिसी ट्रंप सरकार के दौरान खत्म कर दी गई थी, जिससे वीजा प्रोसेस में देरी हो रही थी
स्पेशलिटी ऑक्यूपेशन की नई परिभाषा:
पहले यह वीजा उन लोगों को मिलता था, जो स्पेशलिटी ऑक्यूपेशन कैटेगरी में आते थे
अब नई परिभाषा के अनुसार, जॉब के लिए डिग्री का उसी फील्ड से सीधे तौर पर जुड़ा होना जरूरी होगा
F-1 स्टूडेंट वीजा एक्सटेंशन:
अगर कोई छात्र अमेरिका में F-1 वीजा पर है और H-1B वीजा के लिए आवेदन करता है, तो उसकी स्टूडेंट वीजा वैलिडिटी स्वत: बढ़ जाएगी
H-1B वीजा प्रोसेस पूरी होने तक स्टूडेंट वीजा एक्सपायर नहीं होगा
लॉटरी सिस्टम में सुधार:
H-1B वीजा का वितरण लॉटरी सिस्टम के जरिए किया जाता है
अब डुप्लीकेट रजिस्ट्रेशन को रोका जाएगा, जिससे यह सिस्टम और पारदर्शी बनेगा
H-1B वीजा की मांग सबसे ज्यादा रही है, जिस कारण अमेरिकी सरकार ने इसे लॉटरी सिस्टम से जारी करने का नियम बनाया था. ऐसे में अब इसमें पारदर्शिता लाने के लिए सुधार किए गए हैं.
First Updated : Thursday, 19 December 2024