भारत-चीन रिश्तों पर PM मोदी की टिप्पणी से खुश हुआ चीन, ग्लोबल टाइम्स ने भी की तारीफ  

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी एआई रिसर्चर लेक्स फ्रिडमैन के साथ बातचीत में भारत-चीन संबंधों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि दो पड़ोसियों के बीच मतभेद स्वाभाविक हैं, लेकिन इन्हें विवाद में नहीं बदलना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि भारत-चीन का सहयोग सिर्फ दोनों देशों के लिए नहीं, बल्कि वैश्विक स्थिरता के लिए भी जरूरी है.

Deeksha Parmar
Edited By: Deeksha Parmar

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में अमेरिकी एआई रिसर्चर लेक्स फ्रिडमैन के साथ बातचीत में भारत-चीन संबंधों पर टिप्पणी की, जिसे चीन ने खूब सराहा है. पीएम मोदी ने कहा कि दो पड़ोसी देशों के बीच मतभेद होना स्वाभाविक है, लेकिन इन्हें विवाद में तब्दील नहीं किया जाना चाहिए. उनकी इस टिप्पणी के बाद चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने भी भारत के रुख की तारीफ की और इसे सकारात्मक दृष्टिकोण बताया.  

PM मोदी ने भारत-चीन रिश्तों पर क्या कहा?  

पीएम मोदी ने बातचीत के दौरान कहा कि भारत और चीन का सहयोग न केवल दोनों देशों के लिए, बल्कि वैश्विक स्थिरता और समृद्धि के लिए भी जरूरी है. उन्होंने आगे कहा कि 21वीं सदी एशियाई देशों की सदी है, ऐसे में प्रतिस्पर्धा तो हो सकती है, लेकिन विवाद नहीं होना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि इतिहास गवाह है कि भारत और चीन ने मिलकर दुनिया की जीडीपी में 50% से ज्यादा योगदान दिया था. दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक संबंध गहरे हैं और भारत इन्हें भविष्य में और मजबूत करना चाहता है.  

भारत-चीन तनाव पर PM मोदी का बयान  

प्रधानमंत्री मोदी ने सीमा विवाद के संदर्भ में कहा कि, दो पड़ोसियों में अनबन होना लाजिमी है, ठीक वैसे ही जैसे एक परिवार में होते हैं. लेकिन हमारा ध्यान इस बात पर है कि ये मतभेद विवाद में न बदलें. हम इसी दिशा में सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं और बातचीत के जरिए स्थिर और सहयोगी संबंध बनाने पर जोर दे रहे हैं." उन्होंने ये भी कहा कि भारत 2020 से पहले की स्थिति बहाल करने के लिए काम कर रहा है. धीरे-धीरे भरोसा, ऊर्जा और उत्साह वापस आएगा, लेकिन इसमें थोड़ा समय लगेगा.

ग्लोबल टाइम्स ने की PM मोदी की तारीफ

पीएम मोदी की इस टिप्पणी पर चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि, "हाल के वर्षों में दोनों देशों के नेताओं के बीच महत्वपूर्ण सहमतियां बनी हैं और विभिन्न स्तरों पर सहयोग बढ़ा है, जिससे सकारात्मक नतीजे निकले हैं." उन्होंने यह भी कहा कि भारत और चीन के 2000 साल पुराने संबंध रहे हैं, जिनमें आपसी सहयोग और सीखने की परंपरा सबसे अहम रही है.  

ग्लोबल टाइम्स ने क्या कहा? 

चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने पीएम मोदी की टिप्पणी पर लिखा कि, "भारत सरकार के नजरिए को यह बयान स्पष्ट रूप से दर्शाता है और यह दोनों देशों के संबंधों को मजबूत करने में मदद करेगा." ग्लोबल टाइम्स ने सिंघुआ यूनिवर्सिटी के नेशनल स्ट्रैटेजी इंस्टीट्यूट के रिसर्च डिपार्टमेंट के निदेशक कियान फेंग के हवाले से कहा कि, "पीएम मोदी की टिप्पणी द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर करने और आगे बढ़ाने में मददगार साबित होगी."  
अखबार ने लिखा कि पिछले साल रूस के कजान में हुए ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी और शी जिनपिंग की मुलाकात के बाद दोनों देशों के संबंधों में सुधार हुआ है.  

क्या भारत-चीन संबंधों में नया मोड़ आएगा?  

भारत-चीन संबंधों में लंबे समय से उतार-चढ़ाव देखने को मिले हैं. हालांकि, पीएम मोदी के इस बयान को दोनों देशों के बीच नई सकारात्मक शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है. विशेषज्ञों का मानना है कि कूटनीतिक बातचीत और बहुपक्षीय सहयोग से सीमा विवाद का हल निकाला जा सकता है.  

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17 March 2025, 04:56 PM IST

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