क्या ताइवान पर हमला रोकेगा अमेरिका-जापान का प्लान? ड्रैगन को घेरने की तैयारी हुई शुरू!
चीन की ताइवान पर हमले की धमकियों के बीच अमेरिका और जापान ने बड़ा कदम उठाते हुए एक साझा ऑपरेशन प्लान तैयार किया है. इस योजना के तहत जापान और फिलीपींस में अस्थायी सैन्य अड्डे बनाए जाएंगे, जहां आधुनिक मिसाइल यूनिट और अमेरिकी मरीन तैनात होंगे. यह प्लान दिसंबर तक तैयार हो जाएगा और सीधे चीन को घेरने की रणनीति का हिस्सा है. जानिए कैसे यह योजना ताइवान की सुरक्षा और पूरे एशिया-प्रशांत क्षेत्र के लिए अहम साबित होगी…
International: ताइवान को लेकर चीन की आक्रामकता ने अमेरिका और जापान को बड़ा कदम उठाने पर मजबूर कर दिया है. चीन के संभावित ताइवान हमले का जवाब देने के लिए दोनों देशों ने मिलकर एक मजबूत सैन्य योजना तैयार की है. इस योजना के तहत अमेरिका जापान और फिलीपींस में अस्थायी सैन्य अड्डे स्थापित करेगा. इन अड्डों पर अत्याधुनिक मिसाइल सिस्टम और अमेरिकी मरीन यूनिट्स को तैनात किया जाएगा. यह ऑपरेशन प्लान दिसंबर तक पूरी तरह तैयार हो जाएगा.
ताइवान पर संकट की तैयारी
ताइवान को लेकर चीन लंबे समय से विवाद खड़ा करता रहा है. वह ताइवान को अपना हिस्सा मानता है और राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने सेना के इस्तेमाल तक की बात कह दी है. इसे ध्यान में रखते हुए अमेरिका और जापान ने अपना पहला जॉइंट ऑपरेशन प्लान तैयार किया है। इस प्लान के तहत जापान के नान्सेई द्वीप और फिलीपींस में अस्थायी सैन्य अड्डे बनाए जाएंगे. इन अड्डों पर हाई मोबिलिटी आर्टिलरी रॉकेट सिस्टम (HIMARS) जैसे आधुनिक हथियार और मिसाइल यूनिट्स तैनात की जाएंगी.
कैसे काम करेगा यह प्लान?
- अमेरिकी मरीन तैनाती: अमेरिका की मरीन लिटोरल रेजिमेंट को जापान के कागोशिमा और ओकिनावा द्वीपों के आसपास तैनात किया जाएगा.
- आधुनिक हथियार: HIMARS जैसे रॉकेट सिस्टम से लैस मरीन छोटे-छोटे समूहों में अलग-अलग स्थानों पर तैनात होंगे.
- जापान की सहायता: जापान की सेल्फ-डिफेंस फोर्स (SDF) अमेरिकी सेना को ईंधन और गोला-बारूद जैसी जरूरी सप्लाई मुहैया कराएगी.
- फिलीपींस में MDTF यूनिट: फिलीपींस में मल्टी-डोमेन टास्क फोर्स (MDTF) तैनात की जाएगी, जो हवा, जमीन, पानी, साइबर और अंतरिक्ष जैसे कई क्षेत्रों में काम करेगी.
चीन को घेरने की रणनीति
अमेरिका और जापान का यह कदम सीधे तौर पर चीन की आक्रामकता का जवाब है. चीन लंबे समय से ताइवान पर हमला करने की धमकी देता रहा है. इस योजना का मकसद चीन को कड़ा संदेश देना है कि ताइवान पर हमला आसान नहीं होगा.
क्षेत्रीय तनाव बढ़ा
एशिया-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती आक्रामकता ने कई देशों को सतर्क कर दिया है. अमेरिका और जापान की यह योजना ताइवान के साथ-साथ पूरे क्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने का इरादा रखती है. फिलीपींस और जापान में सैन्य अड्डों की स्थापना से यह साफ है कि अमेरिका एशिया में अपनी उपस्थिति और मजबूत करेगा.
दिसंबर तक तैयार होगी योजना
इस पूरी योजना को दिसंबर तक अंतिम रूप दे दिया जाएगा. यह अमेरिका और जापान के बीच पहला ऐसा ऑपरेशन प्लान होगा जो ताइवान की सुरक्षा के लिए खासतौर पर बनाया गया है.
ताइवान पर चीन की नजरें और उसकी धमकियों ने अमेरिका और उसके सहयोगियों को सतर्क कर दिया है. जापान और फिलीपींस में सैन्य अड्डों की तैनाती न केवल ताइवान की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी, बल्कि चीन को यह भी संदेश देगी कि उसकी हर हरकत पर नजर रखी जा रही है. एशिया-प्रशांत क्षेत्र में बढ़ते तनाव के बीच यह रणनीति बेहद अहम मानी जा रही है.