China-India Relations: चीन के नए आधिकारिक नक्शें में अरुणाचल प्रदेश, अक्साई चिन, ताइवान और विवादित दक्षिण चीन सागर को कम्युनिस्ट देश के हिस्से के रूप में दिखाया गया है. इस बीच भारतीय सेना के पूर्व अधिकारी ने पूर्वी लद्दाख को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की है. मीडिया रिपोर्ट में रिटायर्ड सैन्य अधिकारी के हवाले से बताया गया कि बीजिंग के नक्शें से स्पष्ट है कि चीन पूर्वी लद्दाख में अप्रैल 2020, के पहले की स्थिति में नहीं जाना चाहता है.
चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने सोमवार को नया नक्शा जारी किया है. इस मेप में भारत के अरूणाचल प्रदेश, अक्साई चिन, ताइवान और विवादित दक्षिण चीन सागर को कम्युनिस्ट देश के हिस्से के रूप में प्रदर्शित किया है. बता दें कि भारत इस बार जी20 शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहा है. 9 से 10 सिंतबर को नई दिल्ली में जी20 समिट का आयोजन होगा. जी20 में चीन के राष्ट्रपति शी जिंनपिंग के भी हिस्सा लेने की संभावना है. लेकिन उससे पहले चीन ने अपना असली रूप दिखाया है.
पूर्व सैन्य अधिकारी ने मीडिया रिपोर्ट में कहा, 'ब्रिक्स सम्मेलन में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के कुछ ही दिनों के बाद चीन का ताजा कदम स्पष्ट है कि चीनी सेना का लद्दाख में यथास्थिति को लागू करने के बिल्कुल भी मूड नहीं है.' उन्होंने ये भी कहा, 'चीन अब अब पूर्वी सेक्टर में अरुणाचल प्रदेश पर दावा करके एक नई यथास्थिति लागू करना चाहता है.'
भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था, 'हम इन दावों को खारिज करते है क्योंकि इनका कोई आधार नहीं है. चीनी पक्ष की ओर से इस तरह के कदम सीमा समाधान को जटिल बनाते हैं.' बता दें कि जून 2020 के लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय सेना और चीनी सैनिकों झड़प के बाद से ही सीमा पर तनाव बना हुआ. First Updated : Wednesday, 30 August 2023