चीन ने पाकिस्तान में सैनिक तैनात करने का किया ऐलान, भारत पर क्या असर होगा?
पाकिस्तान में चीन द्वारा सैनिक तैनात करने का फैसला भारत के लिए नई सुरक्षा चुनौती उत्पन्न कर सकता है। यह कदम भारत-चीन संबंधों पर असर डाल सकता है, साथ ही पाकिस्तान के साथ सुरक्षा स्थितियों को भी और जटिल बना सकता है। चीन की इस तैनाती से भारत की सीमाओं पर खतरा बढ़ सकता है।
बीजिंग: लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत और चीन के बीच पिछले चार वर्षों से चले आ रहे तनाव को कम करने के लिए दोनों देशों ने कुछ कदम उठाए हैं। हाल ही में बीजिंग ने पाकिस्तान में अपनी सैन्य तैनाती करने का ऐलान कर के भारत की चिंताओं को एक बार फिर बढ़ा दिया है। चीन का कहना है कि वह पाकिस्तान में अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए यह कदम उठा रहा है।
पाकिस्तान में चीनी नागरिकों पर हमले
कुछ दिन पहले पाकिस्तान के कराची शहर में हुए एक कार बम विस्फोट में कई चीनी नागरिकों की मौत हो गई थी। इसके बाद चीन ने पाकिस्तान पर दबाव डाला है कि वह वहां काम कर रहे हजारों चीनी नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपनी सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करे। इस सुरक्षा उल्लंघन के बाद चीन ने पाकिस्तान से औपचारिक रूप से सुरक्षा प्रबंधन प्रणाली पर बातचीत शुरू करने का आग्रह किया है। इससे पहले पाकिस्तान के दक्षिणी शहर के एक हवाईअड्डे पर बम विस्फोट में दो चीनी इंजीनियर भी मारे गए थे।
चीन की पाकिस्तान को चेतावनी
चीन की बढ़ती नाराजगी पाकिस्तान की सुरक्षा एजेंसियों और अधिकारियों के खिलाफ है, जो इन हमलों को रोकने में असफल रहे हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, चीन ने पाकिस्तान से कहा है कि वह पाकिस्तानी सुरक्षा बलों के साथ मिलकर संयुक्त सुरक्षा प्रणाली विकसित करे। एक लिखित प्रस्ताव में चीन ने अपने सुरक्षा कर्मचारियों को पाकिस्तान में भेजने का सुझाव दिया है। हालांकि, पाकिस्तान ने इस कदम पर अभी तक सहमति नहीं जताई है।
भारत के लिए बढ़ती सुरक्षा चिंताएं
यदि चीन पाकिस्तान में अपने सैनिक तैनात करता है, तो इससे भारत की सुरक्षा पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है। चीन के सैनिक पाकिस्तान में तैनात होने के बाद भारत के सैन्य अभियानों पर नजर रख सकते हैं और यहां तक कि सैन्य जासूसी भी कर सकते हैं, जो भारत के लिए एक बड़ा खतरा होगा। इस कारण भारत ने इस मुद्दे पर पहले ही सतर्कता बढ़ा दी है।
आतंकवाद विरोधी अभियानों में सहयोग का प्रस्ताव
चीन ने पाकिस्तान से यह भी कहा है कि दोनों देशों की सुरक्षा एजेंसियां एक दूसरे के क्षेत्र में आतंकवाद विरोधी अभियानों में सहयोग करें और संयुक्त हमले करने की अनुमति दें। हालांकि पाकिस्तान की सुरक्षा एजेंसियां इस प्रस्ताव से सहमत नहीं हैं। बीजिंग की ओर से भेजे गए इस लिखित प्रस्ताव पर अब पाकिस्तान की प्रतिक्रिया का इंतजार है, जो दोनों देशों के रिश्तों के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है।