बाज नहीं आ रहा चीन! डोकलाम में चालबाजी, भूटान के जरिए भारत को घेरने की क्या है नई रणनीति

International news: चीन ने एक बार फिर ऐसी चाल चली हैं जिससे भारत के सामने चुनौतियां खड़ी हो सकती हैं. दरअसल, चीन ने डोकलाम पठार के पास भूटान में 22 गांवों का निर्माण किया है, जिससे भारत की मुश्किलें बढ़ती हुई नज़र आ रही हैं. बता दें कि 2017 में इसी क्षेत्र में भारत और चीन के बीच गतिरोध हुआ था.

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International news: हालिया रिपोर्ट में भूटान के रणनीतिक क्षेत्र डोकलाम पठार में चीनी निर्माण का खुलासा सामने आया हैं. 2017 में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुए गतिरोध के सात साल बाद, चीन ने इस क्षेत्र में 22 गांव और बस्तियां बना ली हैं. इस खबर से दिल्ली में चीन मामलों के पर्यवेक्षकों की चिंता बढ़ा दी हैं. 

डोकलाम, भारत, भूटान और चीन के बीच ट्राई-जंक्शन के करीब स्थित है. 2017 में भारत ने चीन के सड़क निर्माण के प्रयासों का कड़ा विरोध किया था. इस निर्माण से सिलीगुड़ी कॉरिडोर की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती थी, जो भारत के मेनलैंड और पूर्वोत्तर राज्यों को जोड़ने वाला संकरा मार्ग है. 

रिपोर्ट ने खोला चीन का भेद

हालांकि 2017 में गतिरोध समाप्त हो गया था, लेकिन तिब्बती विश्लेषकों के नेटवर्क 'टर्कुइज रूफ' की अक्टूबर 2024 की रिपोर्ट ने डोकलाम के पास चीनी निर्माण गतिविधियों का खुलासा किया है. रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने इस क्षेत्र में ना केवल गांव बनाए बल्कि बड़ी संख्या में लोगों को यहां बसाया भी है. 

भूटान और चीन के बीच समझौते का असर

मार्च 2023 में भूटान ने संकेत दिया था कि वह चीन के साथ क्षेत्रीय आदान-प्रदान से संबंधित एक समझौते के करीब है. इसके बाद, दोनों देशों ने भूटान-चीन सीमा पर सीमांकन के लिए एक 'सहयोग समझौते' पर हस्ताक्षर किए. 

भूटान की जमीन पर चीन का कब्जा कैसे बढ़ा?

चीन ने भूटान के विवादित क्षेत्रों में धीरे-धीरे अतिक्रमण की रणनीति अपनाई. 

चरवाहों का उपयोग: चीनी चरवाहों को विवादित क्षेत्रों में भेजा गया

झोपड़ियों का निर्माण: चरवाहों ने झोपड़ियां और आश्रय बनाए

सैन्य गश्त: इन क्षेत्रों में सैन्य गश्ती दल तैनात किए गए

स्थायी संरचना: तात्कालिक सैन्य चौकियों को स्थायी संरचनाओं में बदला गया

सड़क निर्माण: चौकियों को तिब्बत से जोड़ने के लिए सड़कें बनाई गई

गांवों का निर्माण: 2016 में विवादित क्षेत्रों में गांव बसाने का कार्य शुरू हुआ

भूटान पर दबाव और समझौता

विशेषज्ञों का मानना है कि भूटान चीन की मांगों को मानने के लिए मजबूर हो गया. रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने 825 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर कब्जा कर लिया है, जो भूटान के कुल क्षेत्रफल का 2% है. 

भारत के लिए बढ़ी चुनौती

दिल्ली स्थित विशेषज्ञ कल्पित मनकीकर का कहना है कि चीन का डोकलाम में निर्माण यथास्थिति को बदलने और भारत की सुरक्षा को चुनौती देने का प्रयास है. 

इसे लेकर, विशेषज्ञों का मानना है कि चीन की यह रणनीति भविष्य में भारत को हर तरफ से घेरने की कोशिश हो सकती है. वहीं, यह स्थिति भारत के लिए गंभीर सुरक्षा चुनौती पेश कर सकती है. 
  First Updated : Monday, 23 December 2024