
क्या पाकिस्तान को 'मोहरा' बनाकर यूज करेगा चीन? आखिर लगातार क्यों दे रहा खतरनाक हथियार? भारत के लिए गंभीर खतरा!
स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट के अनुसार, 2019-2023 के बीच पाकिस्तान द्वारा आयातित 81% हथियार चीन से आए हैं, जबकि पहले यह आंकड़ा 74% था. इसका मतलब है कि पाकिस्तान अब चीन के सैन्य समर्थन पर पूरी तरह निर्भर है, जिससे क्षेत्रीय शक्ति संतुलन बदल सकता है.

China providing dangerous weapons Pakistan: चीन और पाकिस्तान के बीच बढ़ते सैन्य गठजोड़ से भारत के लिए एक गंभीर खतरा पैदा हो सकता है. पाकिस्तान पहले अमेरिका पर निर्भर था, अब पूरी तरह से चीन पर निर्भर हो गया है और उसकी सैन्य जरूरतें चीन द्वारा पूरी की जा रही हैं. हाल ही में चीन ने पाकिस्तान को दूसरी हैंगोर-क्लास पनडुब्बी दी है, जो एक पांच अरब डॉलर की परियोजना का हिस्सा है. इस परियोजना के माध्यम से पाकिस्तान की नौसेना को और अधिक ताकत मिलेगी. चीन पाकिस्तान को आधुनिक युद्धपोत, ड्रोन और लड़ाकू विमान भी दे रहा है.
भारत के लिए यह बढ़ता सैन्य गठजोड़ खतरनाक हो सकता है क्योंकि इससे दक्षिण एशिया में शक्ति संतुलन प्रभावित हो सकता है. चीन पाकिस्तान को हथियार और आर्थिक मदद तो देता जा रहा है, लेकिन इसके नागरिकों की सुरक्षा एक गंभीर मुद्दा बन गई है. पाकिस्तान में चीनी नागरिकों पर कई आतंकी हमले हो चुके हैं. नवंबर 2018 में कराची में चीनी वाणिज्य दूतावास पर हमले में चार लोगों की जान गई, जबकि 2021 में दासू में आत्मघाती हमले में नौ चीनी इंजीनियर मारे गए. बावजूद इसके चीन ने पाकिस्तान के साथ अपने संबंधों को और मजबूत किया है. यह सवाल उठता है कि क्या चीन को अपने नागरिकों की सुरक्षा की कोई चिंता है, या फिर वह केवल सामरिक और आर्थिक लाभ के लिए पाकिस्तान के साथ संबंध बना रहा है.
अमेरिका-पाकिस्तान का रिश्ता हुआ कमजोर
अमेरिका और पाकिस्तान के रिश्ते अब पहले जैसे नहीं रहे. अमेरिका की सैन्य मदद में कमी आने के बाद पाकिस्तान पूरी तरह से चीन पर निर्भर हो गया है. हालांकि, कुछ घटनाओं के बाद अमेरिका और पाकिस्तान के रिश्तों में थोड़ी सुधार की संभावना दिखाई दी है, लेकिन पाकिस्तान का चीन पर निर्भर रहना, अमेरिका-पाक रिश्तों को पहले जैसे मजबूत नहीं होने देगा.
पाकिस्तान अब चीन से 40 जे-35ए फाइटर जेट खरीदने की योजना बना रहा है, जो स्टील्थ तकनीक से लैस होंगे. इससे पाकिस्तान की वायु सेना की ताकत बढ़ेगी, लेकिन पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पहले ही संकट में है और यह डील उसके लिए वित्तीय बोझ साबित हो सकती है.
भारत रख रहा कड़ी नजर
भारत भी इस बढ़ते खतरे को लेकर सतर्क है और अपनी सैन्य ताकत को मजबूत कर रहा है. भारत ने फ्रांस से राफेल जेट खरीदे हैं और अमेरिका के साथ लड़ाकू विमान इंजन विकसित कर रहा है. इसके अलावा भारत इजरायल और रूस के साथ भी अपने सैन्य संबंधों को मजबूत कर रहा है. अमेरिका ने हाल ही में पाकिस्तान की बैलिस्टिक मिसाइल प्रोग्राम पर प्रतिबंध लगाए हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि अमेरिका भी इस चीन-पाक गठजोड़ को लेकर सतर्क है. भारत अपनी सुरक्षा को लेकर पूरी तरह सतर्क है और इस बढ़ते सैन्य गठबंधन पर कड़ी निगरानी रखे हुए है.