दुनिया में कहां-कहां तैनात हैं अमेरिकी जासूस? सीआईए की गोपनीय रणनीति उजागर

  जेएफके हत्याकांड फाइलें: अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी की हत्या से संबंधित 80,000 से अधिक दस्तावेजों के जारी होने से पता चला है कि सीआईए ने दुनिया भर में कई गुप्त स्थान स्थापित किए थे. इन स्थानों की सूची में नई दिल्ली और कोलकाता का नाम भी शामिल है. दस्तावेजों के अनुसार, सीआईए की उपस्थिति यूरोप, एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका में भी फैली हुई थी.

Lalit Sharma
Edited By: Lalit Sharma

इंटरनेशनल न्यूज.  क्या आपके शहर में भी अमेरिकी खुफिया एजेंट हैं? यह सवाल इसलिए उठाया जा रहा है क्योंकि हाल ही में जारी हुए जेएफके हत्याकांड से संबंधित कुछ गुप्त दस्तावेजों से यह सनसनीखेज खुलासा हुआ है कि सीआईए के दुनिया भर में गुप्त ठिकाने हैं. पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी की हत्या से संबंधित 80,000 से अधिक पृष्ठों के दस्तावेज सार्वजनिक होने के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि अमेरिका ने यूरोप, एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के कई प्रमुख शहरों में अपनी गुप्त गतिविधियां संचालित की थीं.

सूची में भारत के दो प्रमुख शहर

इस सूची की सबसे आश्चर्यजनक बात यह है कि भारत के दो सबसे बड़े शहर, नई दिल्ली और कोलकाता भी इस सूची में शामिल हैं. यह खुलासा रूसी मीडिया आउटलेट आरटी द्वारा साझा किए गए एक दस्तावेज के माध्यम से हुआ. इसमें इन शहरों के नाम 'फील्ड डिस्ट्रीब्यूशन' शीर्षक के तहत सूचीबद्ध हैं.

क्या दिल्ली भी सीआईए एजेंट था?

आरटी द्वारा जारी दस्तावेज के अनुसार, नई दिल्ली और कोलकाता को सीआईए की 'एनई डिवीजन' सूची में शामिल किया गया है. हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि इन शहरों में सीआईए की कितनी गतिविधियां थीं या वहां क्या ऑपरेशन चलाए गए थे. लेकिन यह पहली बार है कि यह जानकारी सार्वजनिक हुई है कि अमेरिकी खुफिया एजेंसियों के भारत में भी अड्डे हो सकते हैं.

एशिया में सीआईए के अड्डे कहां थे?

एशिया में सीआईए की उपस्थिति भी व्यापक थी. इन दस्तावेजों के अनुसार, सीआईए के गुप्त ठिकाने बैंकॉक, जकार्ता, हांगकांग, होनोलुलु, कुआलालंपुर, कुचिंग और मनीला में थे. इसके अलावा, ओकिनावा, रंगून और साइगॉन (जो वियतनाम युद्ध के दौरान अमेरिका के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण थे) को भी सूची में शामिल किया गया.

क्या वे सिर्फ जासूसी साइटें थीं या कुछ और?

इन दस्तावेजों के प्रकाश में आने के बाद सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या ये स्थान जासूसी अभियानों तक ही सीमित थे या अमेरिका इनका इस्तेमाल विश्व राजनीति को प्रभावित करने और गुप्त अभियान चलाने के लिए कर रहा था?

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20 March 2025, 04:05 PM IST

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