कोलंबिया विश्वविद्यालय ने संघीय फंडिंग की बहाली के लिए ट्रम्प प्रशासन की सख्त शर्तों को स्वीकार कर लिया है. विश्वविद्यालय पर यहूदी विरोधी घटनाओं और इजरायल विरोधी प्रदर्शनों को रोकने में विफल रहने का आरोप लगा था, जिसके चलते प्रशासन ने 7 मार्च को 400 मिलियन डॉलर की फंडिंग रोक दी थी. इस फैसले के बाद विश्वविद्यालय ने मास्क प्रतिबंध, अनुशासनात्मक नियमों में बदलाव और पाठ्यक्रम की समीक्षा जैसे अहम सुधारों पर सहमति जताई है.  

अब, विश्वविद्यालय 36 कैंपस पुलिस अधिकारियों को गिरफ्तारी का अधिकार देगा और मध्य पूर्व, दक्षिण एशियाई और अफ्रीकी अध्ययन विभाग को "अकादमिक निरीक्षण" के तहत रखा जाएगा. ट्रम्प प्रशासन ने कोलंबिया को स्पष्ट चेतावनी दी थी कि यदि ये बदलाव नहीं किए गए, तो आगे अरबों डॉलर की फंडिंग भी खतरे में पड़ सकती है.

क्यों रोकी गई थी फंडिंग?  

ट्रम्प प्रशासन ने कोलंबिया विश्वविद्यालय पर यहूदी छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में विफल रहने और इजरायल विरोधी प्रदर्शनों को नियंत्रित नहीं करने का आरोप लगाया था. प्रशासन का कहना था कि अक्टूबर 2023 के बाद से यहूदी छात्रों को लगातार हिंसा, धमकियों और उत्पीड़न का सामना करना पड़ा है, जबकि विश्वविद्यालय प्रशासन ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की.  

शिक्षा सचिव लिंडा मैकमोहन ने कहा कि अगर किसी विश्वविद्यालय को संघीय फंडिंग चाहिए, तो उसे भेदभाव विरोधी कानूनों का पालन करना होगा. कोलंबिया ने लंबे समय से अपने यहूदी छात्रों की सुरक्षा को नज़रअंदाज़ किया है. अब हम स्पष्ट कर रहे हैं कि इस तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

यूनिवर्सिटी को किन शर्तों को मानना पड़ा?  

कोलंबिया विश्वविद्यालय को संघीय फंडिंग पुनः प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित सख्त शर्तों को मानना पड़ा.

मास्क पर प्रतिबंध: धार्मिक और स्वास्थ्य कारणों को छोड़कर अब कैंपस में मास्क पहनने की अनुमति नहीं होगी.  

कैंपस पुलिस को गिरफ्तारी का अधिकार: अब 36 पुलिस अधिकारियों को छात्रों को गिरफ्तार करने का अधिकार दिया गया है.  

अनुशासनात्मक कार्रवाई: विश्वविद्यालय को अप्रैल 2024 में हैमिल्टन हॉल पर कब्जा करने वाले प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई करनी होगी.

पाठ्यक्रम की समीक्षा: मध्य पूर्व, दक्षिण एशियाई और अफ्रीकी अध्ययन विभाग की समीक्षा के लिए नया नेतृत्व नियुक्त किया जाएगा.  

न्यायिक बोर्ड की समाप्ति: विश्वविद्यालय के अनुशासनात्मक मामलों को देखने वाले न्यायिक बोर्ड को खत्म किया जाएगा.

अकादमिक निरीक्षण: कुछ विभागों को बाहरी प्रशासनिक निगरानी में लाया जाएगा.

कोलंबिया विश्वविद्यालय ने आखिर क्यों झुका?  

1. कोलंबिया विश्वविद्यालय के लिए यह 400 मिलियन डॉलर की फंडिंग कुल सरकारी सहायता का 8% थी. विश्वविद्यालय प्रशासन को डर था कि अगर उसने प्रशासन की शर्तों को नहीं माना, तो आगे अरबों डॉलर की फंडिंग भी गंवानी पड़ सकती है.  

2. हिलेल चैप्टर के कार्यकारी निदेशक ब्रायन कोहेन ने कहा कि कोलंबिया में यहूदी विरोधी माहौल बढ़ रहा था और महीनों से हम प्रशासन से इसे रोकने की अपील कर रहे थे. अब हमें उम्मीद है कि यह निर्णय विश्वविद्यालय के लिए एक चेतावनी का काम करेगा.

3. कोलंबिया विश्वविद्यालय और ट्रम्प प्रशासन के बीच यह विवाद अमेरिका में शैक्षणिक संस्थानों की स्वतंत्रता बनाम संघीय हस्तक्षेप की एक बड़ी बहस को जन्म दे सकता है. हालांकि, विश्वविद्यालय ने फंडिंग की बहाली के लिए प्रशासन की सभी मांगों को मान लिया है, लेकिन अब सवाल यह है कि क्या यह फैसले कैंपस में चल रहे प्रदर्शनों और यहूदी विरोधी घटनाओं को रोकने में कारगर साबित होंगे?