International news: ईरान की एक यूनिवर्सिटी में अंडरवियर में घूमने वाली छात्रा को लेकर अदालत ने फैसला सुनाया है. उसे रिहा कर दिया गया है. ईरानी न्यायपालिका के प्रवक्ता असगर जहांगीर ने बताया कि छात्रा को मानसिक रूप से बीमार पाया गया, जिसके चलते उसके खिलाफ कोई न्यायिक मामला दर्ज नहीं किया गया. डॉक्टरों ने पुष्टि की कि वह दिमागी रूप से अस्वस्थ थी और उसे उसके परिवार को सौंप दिया गया.
नवंबर की शुरुआत में एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें छात्रा को तेहरान की इस्लामिक आजाद विश्वविद्यालय के कैंपस में अंडरवियर में घूमते हुए देखा गया. यह घटना ना केवल ईरान बल्कि दुनियाभर में चर्चा का विषय बन गई.
ईरान में महिलाओं के लिए सख्त ड्रेस कोड लागू है, जो 1979 की इस्लामी क्रांति के बाद से प्रभावी है. इस कानून के तहत महिलाओं के लिए सिर ढकने वाले कपड़े पहनना अनिवार्य है.
छात्रा के असामान्य व्यवहार के लक्षण पहले भी उसके परिवार और दोस्तों ने देखे थे. पारिवारिक समस्याओं के चलते उसकी मानसिक स्थिति पर असर पड़ा था.
यूनिवर्सिटी से छात्रा को निष्कासित नहीं किया गया. विश्वविद्यालयों की देखरेख के लिए जिम्मेदार मंत्री हुसैन सिमोई ने इसे 'अनैतिक कृत्य' करार दिया, लेकिन कहा कि छात्रा को निष्कासन जैसी सजा नहीं दी गई. उन्होंने यह भी कहा कि ऐसी घटनाओं को नैतिक और धार्मिक दृष्टिकोण से स्वीकार नहीं किया जा सकता.
ईरान में महिलाओं के लिए लागू सख्त ड्रेस कोड कानून हमेशा से विवादों में रहा है. 2022 में 22 वर्षीय महसा अमिनी की मौत के बाद ड्रेस कोड के खिलाफ पूरे देश में भारी प्रदर्शन हुए थे.
इस कानून को लागू कराने की जिम्मेदारी "मोरल पुलिस" पर है, जो उल्लंघन करने वालों को दंडित करती है.
घटना के बाद दुनियाभर के मानवाधिकार संगठनों ने छात्रा के प्रति सहानुभूति व्यक्त करते हुए उसे सजा न देने की अपील की थी. साथ ही ईरान के ड्रेस कोड कानून की कड़ी आलोचना की गई. First Updated : Wednesday, 20 November 2024