बांग्लादेश में यूनुस के खिलाफ तख्तापलट? सेना प्रमुख ने की इमरजेंसी मीटिंग
पिछले वर्ष अगस्त में शेख हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग सरकार के पतन के बाद मुहम्मद यूनुस के सत्ता संभालने के बाद से बांग्लादेशी लोगों में सरकार के प्रति अविश्वास बढ़ता जा रहा है. सूत्रों ने बताया कि इसके मद्देनजर बैठक में चर्चा स्थिरता बहाल करने में सेना की संभावित भूमिका पर केंद्रित रही. सूत्रों ने संकेत दिया कि सेना राष्ट्रपति पर आपातकाल की घोषणा करने या यूनुस के खिलाफ तख्तापलट करने का दबाव बना सकती है.

बांग्लादेश में जल्द ही सैन्य तख्तापलट हो सकता है. सेना अंतरिम सरकार प्रमुख मोहम्मद यूनुस को हटाकर खुद नियंत्रण अपने हाथ में ले सकती है. वाकर-उज़-ज़मान के नेतृत्व में सेना ने सोमवार को एक आपातकालीन बैठक की, जिसमें आने वाले दिनों में संभावित बड़े घटनाक्रमों का संकेत दिया गया. बैठक में शीर्ष सैन्य अधिकारियों ने भाग लिया , जिनमें पांच लेफ्टिनेंट जनरल, आठ मेजर जनरल (जीओसी), स्वतंत्र ब्रिगेड के कमांडिंग अधिकारी और सेना मुख्यालय के अधिकारी शामिल थे.
लोगों में बढ़ रहा अविश्वास
पिछले वर्ष अगस्त में शेख हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग सरकार के पतन के बाद मुहम्मद यूनुस के सत्ता संभालने के बाद से बांग्लादेशी लोगों में सरकार के प्रति अविश्वास बढ़ता जा रहा है. सूत्रों ने बताया कि इसके मद्देनजर बैठक में चर्चा स्थिरता बहाल करने में सेना की संभावित भूमिका पर केंद्रित रही. सूत्रों ने संकेत दिया कि सेना राष्ट्रपति पर आपातकाल की घोषणा करने या यूनुस के खिलाफ तख्तापलट करने का दबाव बना सकती है. सेना अपनी निगरानी में राष्ट्रीय एकता सरकार बनाने के विकल्प पर भी विचार कर रही है.
बांग्लादेशी सेना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन
हाल के महीनों में विभिन्न राजनीतिक दलों और छात्र नेताओं ने सेना के खिलाफ अपनी आवाज उठाई है, जिससे सेना के कई वर्ग नाराज हो गए हैं और सेना को इन प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए एक योजना बनाने के लिए उकसाया है. मौजूदा राजनीतिक उथल-पुथल के बीच यूनुस जल्द ही चीन की यात्रा पर जाने वाले हैं. इस यात्रा से चीन-बांग्लादेश संबंधों में बदलाव आ सकता है, जिस पर ढाका के पड़ोसियों की भी नजर रहेगी.
विदेशों से उठ रही आवाज
यह घटनाक्रम बांग्लादेश की सेना द्वारा ढाका में विरोध मार्च की श्रृंखला के बाद अभियान तेज करने के साथ मेल खाता है. संयुक्त सुरक्षा बलों ने शुक्रवार सुबह से गश्त तेज कर दी है और चौकियाँ स्थापित कर दी हैं. हाल के हफ्तों में सेना के खिलाफ सोशल मीडिया पर व्यापक अभियान भी देखा गया है, जब फ्रांस स्थित बांग्लादेशी सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर पिनाकी भट्टाचार्य ने चरमपंथियों और छात्रों से सेना प्रमुख (सीएएस) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने का आग्रह किया था. भट्टाचार्य ने सेना प्रमुख पर भारत से प्रभावित होने का आरोप लगाया है.
तनाव के बीच एक छात्र नेतृत्व वाली पार्टी ने आरोप लगाया है कि सेना हसीना की अवामी लीग को पुनर्स्थापित करने की योजना बना रही है. हालांकि सेना ने इस आरोप का खंडन किया है.