Iran Capital Punishment: ईरान सरकार का क्रूर चेहरा एक बार फिर सामने आया है. रविवार को ईरान ने 11 कैदियों को फांसी पर चढ़ा दिया और एक राजनीतिक कैदी को पिछले हफ्ते अन्य कैदियों से अलग करके एकांत सेल में भेज दिया. 11 कैदियों को एक ही दिन फांसी देने के बाद मानवाधिकार संगठनों ने ईरान सरकार पर सवाल उठाए हैं.
नार्वे के हेंगाव और ईरान के हाल्वश समूह ने जानकारी दी कि मारे गए कैदियों में से सात को यज़्द सेंट्रल जेल और चार को जाहेदान सेंट्रल जेल में फांसी दी गई. इन कैदियों पर हत्या और नशीली दवाओं से संबंधित अपराधों के आरोप थे.
मानवाधिकार समूहों ने बताया कि इस हफ्ते बुधवार से रविवार के बीच ईरानी जेलों में कम से कम 34 कैदियों को फांसी दी गई. शनिवार को एक राजनीतिक कैदी, समन मोहम्मदी-खियारेह, को करज की घेज़ेल हेसर जेल में एकांत में भेजा गया. यह कदम उनके जल्द फांसी दिए जाने का संकेत है. उनकी आखिरी मुलाकात उनके परिवार से करवाई गई है.
मोहम्मदी-खियारेह को 19 साल की उम्र में 'शासन-विरोधी समूहों का सदस्य' होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था और उन्हें 'ईश्वर के विरुद्ध युद्ध छेड़ने' के आरोप में मौत की सजा दी गई थी.
अमनेस्टी इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया के 55 देशों में फांसी की सजा का प्रावधान है. 2022 के आंकड़ों के अनुसार, सबसे ज्यादा मौत की सजा चीन ने दी, उसके बाद ईरान, सऊदी अरब, मिस्र और अमेरिका का नंबर आता है. सऊदी अरब और ईरान जैसे देशों में फांसी सिर्फ नहीं, बल्कि सार्वजनिक रूप से फांसी देने का भी प्रावधान है. कई मानवाधिकार संगठन फांसी जैसे कानून का विरोध करते हैं और देशों से इसे समाप्त करने की मांग करते हैं. First Updated : Monday, 16 December 2024