Israel Hamas War: गाजा में फैल रही जानलेवा बीमारी, जंग के बीच डायरिया और हेपेटाइटिस के शिकार हो रहे सैनिक और बच्चे

Israel Hamas War: विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के मुताबिक, 29 नवंबर से 10 दिसंबर तक पांच साल से कम उम्र के बच्चों में डायरिया के मामले 66 फीसदी बढ़कर 59,895 हो गए हैं.

Shabnaz Khanam
Edited By: Shabnaz Khanam

Israel Hamas War: गाजा में जो लोग इजराइल की खतरनाक मिसाइलों और गोलियों से बच गए हैं, उनपर अब कुदरत का कहर बरस रहा है. यहां लाखों लोग भोजन, साफ पानी और आश्रय की कमी से जूझ रहे हैं. इन्हीं कमियों के कारण गाजा के लोग नरक जैसी जिंदगी जीने को मजबूर हैं. इसके साथ ही गाजा में खतरनाक बीमारियों ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है.

जानलेवा बीमारी 

गाजा में जो लोग इजराइल की खतरनाक मिसाइलों और गोलियों से बच गए हैं, उन्हें अब घातक बीमारियां घेर रही हैं. पहले ही लाखों लोग भोजन, साफ पानी और आश्रय की कमी से जूझ रहे हैं. इन्हीं कमियों के कारण गाजा के लोग नरक जैसी जिंदगी जीने को मजबूर हैं. दस डॉक्टरों और सहायता कर्मियों ने समाचार एजेंसी को बताया कि गाजा में लाखों लोगों को भोजन, साफ पानी और आश्रय की कमी के अलावा खराब स्वास्थ्य सुविधाओं का सामना करना पड़ता है. डॉक्टरों ने कहा है कि गाजा में भयानक महामारी फैल रही है.

बच्चों में डायरिया के बढ़ रहे मामले

विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के मुताबिक, 29 नवंबर से 10 दिसंबर तक पांच साल से कम उम्र के बच्चों में डायरिया के मामले 66 फीसदी बढ़कर 59,895 हो गए. इसी अवधि के दौरान, बाकी आबादी में डायरिया के मामलों में 55 प्रतिशत की वृद्धि हुई. संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि युद्ध के कारण गाजा में स्वास्थ्य व्यवस्थाएं चरमरा गई हैं और इस वजह से सटीक आंकड़े सामने नहीं आ सके हैं.

बच्चों में बढ़ रही किडनी फेल की समस्या

दक्षिणी गाजा में खान यूनिस के नासिर अस्पताल में बाल चिकित्सा वार्ड के प्रमुख डॉ. अहमद अल फर्रा ने कहा कि उनका वार्ड गंभीर निर्जलीकरण से पीड़ित बच्चों से भरा हुआ था. इसके परिणामस्वरूप कुछ बच्चों में किडनी फेल हो गई, जबकि अन्य में डायरिया चार गुना बढ़ गया. 

15 से 30 मामले आए सामने 

जानकारी के मुताबिक, पिछले दो सप्ताह में खान यूनिस में हेपेटाइटिस ए के 15 से 30 मामले सामने आए हैं. 1 दिसंबर को इज़राइल और हमास के बीच युद्धविराम समाप्त होने के बाद से लाखों लोग अस्थायी आश्रयों, स्कूलों और तंबुओं में चले गए हैं. सहायता कर्मियों ने कहा कि हजारों लोग खुले में सो रहे थे। यहां तक ​​कि लोगों के पास नहाने, पर्याप्त शौचालय और पानी की सुविधाएं भी बहुत कम हैं. 

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15 December 2023, 06:36 AM IST

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