मुस्लिम देशों में ताबड़तोड़ मौत की सजा, 10 साल का रिकॉर्ड टूटा
साल 2024 में मौत की सजा के मामलों में खतरनाक वृद्धि देखी गई, जिसमें पिछले साल की तुलना में 32 प्रतिशत का इजाफा हुआ. मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी के मुताबिक, यह 2015 के बाद का सबसे उच्चतम आंकड़ा है. इस वृद्धि में 90 प्रतिशत फांसी केवल तीन मुस्लिम देशों, ईरान, इराक और सऊदी अरब में दी गई, जिनमें सबसे ज्यादा सजा ईरान में दी गई है.

दुनियाभर में मृत्युदंड के मामलों में चिंताजनक वृद्धि देखी गई है. एमनेस्टी इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में पिछले एक दशक में सबसे ज्यादा लोगों को मौत की सजा दी गई. इस रिपोर्ट में उल्लेखित है कि 2024 में 1518 लोगों को फांसी दी गई, जो पिछले साल की तुलना में 32 प्रतिशत अधिक है.
रिपोर्ट के अनुसार, दुनियाभर में दी जाने वाली फांसी की सजा का 91 प्रतिशत हिस्सा तीन देशों - ईरान, इराक और सऊदी अरब द्वारा दिया गया. इन देशों में मृत्युदंड की संख्या में भारी वृद्धि देखी गई है. ईरान ने 972 लोगों को फांसी दी, जो 2023 से 119 अधिक था. वहीं, इराक में फांसी की संख्या 16 से बढ़कर 63 हो गई, और सऊदी अरब में यह संख्या 172 से बढ़कर 345 तक पहुंच गई.
महिलाओं को फांसी: ईरान का चिंताजनक आंकड़ा
ईरान में फांसी की सजा पाने वालों में 30 महिलाएं भी शामिल थीं, जो दुनियाभर में महिलाओं को दी गई फांसी का 64 प्रतिशत हैं. ईरान में अधिकांश फांसी नशीली दवाओं से संबंधित अपराधों के लिए दी गईं, जबकि इराक में आतंकवाद के मामलों में ये सजा दी गई.
अन्य देशों में भी बढ़ी फांसी की सजा
अमेरिका में भी फांसी की सजा में वृद्धि देखी गई, जहां 25 लोगों को फांसी दी गई, जो 2023 के मुकाबले एक अधिक था. इसके अलावा, मिस्र और यमन जैसे देशों में भी मृत्युदंड की संख्या में बढ़ोतरी हुई. हालांकि, एमनेस्टी ने यह भी बताया कि 2024 में केवल 15 देशों में फांसी दी गई, जो लगातार दूसरे वर्ष सबसे कम है.
चीन और उत्तर कोरिया का गुमनाम आंकड़ा
मानवाधिकार संगठन ने कहा कि वास्तव में मृत्युदंड की संख्या कहीं अधिक हो सकती है, क्योंकि आंकड़ों में चीन, उत्तर कोरिया और वियतनाम जैसे देशों को शामिल नहीं किया गया है, जहां मृत्युदंड का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जाता है.


