बाइडेन की इन 5 गलतियों की वजह से अमेरिका में कमला हैरिस को मिली हार, बनीं ट्रंप से हारने वाली दूसरी महिला उम्मीदवार
US Elections: अमेरिका में हुए राष्ट्रपति चुनाव में कमला हैरिस को डोनाल्ड ट्रंप से हार का सामना करना पड़ा. बाइडेन की जगह राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार बनीं कमला हैरिस देर से चुनाव प्रचार में शामिल हुईं, जिससे उनकी पकड़ कमजोर रही. इस हार का मुख्य कारण बाइडन प्रशासन द्वारा लिए गए कुछ गलत फैसले माने जा रहे हैं. डोनाल्ड ट्रंप अब अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति बनेंगे.
US Elections: अमेरिका में हुए राष्ट्रपति चुनाव में कमला हैरिस को डोनाल्ड ट्रंप से हार का सामना करना पड़ा. इस हार का मुख्य कारण बाइडेन प्रशासन द्वारा किए गए कुछ गलत फैसलों को माना जा रहा है. कई रणनीतिक गलतियों ने डेमोक्रेटिक पार्टी के समर्थन को कमजोर कर दिया, जिससे ट्रंप को व्हाइट हाउस में वापस लौटने का अवसर मिला.
कमला हैरिस, जो बाइडेन की जगह राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार बनी थीं, चुनावी अभियान में देर से शामिल हुईं, जिससे उनकी पकड़ कमजोर रही. डेमोक्रेटिक पार्टी के लिए यह हार एक झटका है, क्योंकि कमला हैरिस अमेरिका की पहली भारतीय मूल की उपराष्ट्रपति रह चुकी हैं और उनसे बड़ी उम्मीदें थीं. इसके बावजूद, बाइडेन प्रशासन की नीतिगत गलतियों के कारण डेमोक्रेटिक पार्टी की हार तय हो गई.
देर से चुनावी दौड़ में शामिल होना
कमला हैरिस का राष्ट्रपति पद की दौड़ में देर से शामिल होना उनके लिए हानिकारक साबित हुआ. जब तक वह चुनावी मैदान में उतरीं, ट्रंप पहले ही चुनाव प्रचार में अच्छी बढ़त बना चुके थे. बाइडेन का लंबे समय तक चुनावी दौड़ में बने रहना और आखिरी समय में हैरिस को मैदान में उतारने का निर्णय डेमोक्रेटिक पार्टी के लिए भारी पड़ा.
अफगानिस्तान से सेना की वापसी
बाइडेन प्रशासन की ओर से अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की अचानक वापसी ने वैश्विक स्तर पर अमेरिका की छवि को कमजोर किया. इससे न सिर्फ अमेरिकी नागरिकों बल्कि सेना के बीच भी असंतोष बढ़ा. अफगानिस्तान से सैनिकों की वापसी का प्रबंधन जिस तरह से किया गया, उससे बाइडेन प्रशासन की विश्वसनीयता पर असर पड़ा और इसका खामियाजा कमला हैरिस को भुगतना पड़ा.
यूक्रेन युद्ध में निर्णायक समर्थन की कमी
रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध में बाइडेन प्रशासन की भूमिका भी विवादों में रही. अमेरिका ने यूक्रेन को जीवित रहने के लिए पर्याप्त सहायता दी, लेकिन जीत के लिए आवश्यक समर्थन नहीं दिया. इससे न केवल यूक्रेन संकट लंबा चला, बल्कि पुतिन का आत्मविश्वास भी बढ़ा. बाइडेन की इस नीति के चलते ट्रंप ने उन्हें कमजोर नेता के रूप में पेश किया, जिसका असर हैरिस की छवि पर पड़ा.
इजराइल-फिलिस्तीन मुद्दे पर रुख
7 अक्टूबर के बाद इजराइल द्वारा की गई कार्रवाई पर बाइडेन प्रशासन की चुप्पी ने अमेरिका के मुस्लिम मतदाताओं के बीच असंतोष पैदा किया. इस मुद्दे पर स्पष्ट रुख न होने के कारण हैरिस को मुस्लिम मतदाताओं का समर्थन नहीं मिल पाया. इस असमंजसपूर्ण नीति से डेमोक्रेटिक पार्टी के कई वामपंथी और मुस्लिम समर्थक मतदाता दूर हो गए.
भारत और भारतीय-अमेरिकी समुदाय से कमजोर संबंध
कमला हैरिस भारतीय मूल की हैं, इसके बावजूद भारतीय-अमेरिकी समुदाय के साथ उनकी विशेष पहचान बनाने में विफल रहीं. बाइडेन प्रशासन के भारत पर दबाव डालने की नीति और कनाडा में निज्जर हत्याकांड को लेकर भारत के खिलाफ बयान ने भी भारतीय मतदाताओं में असंतोष फैलाया. इसके विपरीत ट्रंप ने भारत के साथ संबंधों को लेकर सकारात्मक रुख अपनाया, जिससे भारतीय समुदाय का झुकाव उनकी ओर हुआ.
ट्रंप की वापसी के संभावित प्रभाव
डोनाल्ड ट्रंप अब अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति बनेंगे. उनके सत्ता में लौटने के बाद इजराइल को अमेरिकी समर्थन जारी रहेगा, जिससे मिडिल ईस्ट में युद्ध की स्थिति और बिगड़ सकती है. इसके साथ ही ट्रंप के सत्ता में आने से अमेरिका-चीन संबंधों में भी तनाव बढ़ने की संभावना है. वहीं, भारत के साथ सामंजस्य बनाना उनके लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है, क्योंकि वह हमेशा "अमेरिका फर्स्ट" की नीति पर जोर देते हैं.