दुनिया की सबसे तेज़ यात्रा: दिल्ली से अमेरिका सिर्फ 30 मिनट में

एलन मस्क ने दावा किया है कि उनका स्टारशिप रॉकेट हवाई यात्रा में क्रांति ला सकता है। उनके अनुसार, यह तकनीक दिल्ली से अमेरिका की दूरी महज 30 मिनट में तय कर सकती है। स्पेसएक्स का यह प्रोजेक्ट पारंपरिक हवाई यात्रा की सीमाओं को तोड़ते हुए दुनिया की सबसे तेज़ यात्रा का अनुभव देगा। मस्क का यह बयान आधुनिक परिवहन तकनीकों में नए युग की शुरुआत का संकेत है।

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वॉशिंगटन: अमेरिकी उद्योगपति और स्पेसएक्स के सीईओ एलन मस्क ने हाल ही में अंतरिक्ष यात्रा के क्षेत्र में एक बड़ी घोषणा की है। मस्क के अनुसार, उनकी कंपनी स्पेसएक्स की महत्वाकांक्षी 'अर्थ-टू-अर्थ' यात्रा परियोजना जल्द ही वास्तविकता बन जाएगी। इसके तहत स्पेसएक्स का स्टारशिप रॉकेट एक घंटे से भी कम समय में पृथ्वी के प्रमुख शहरों के बीच यात्रियों को पहुंचाने में सक्षम होगा।

स्टारशिप रॉकेट का महत्व

स्पेसएक्स का स्टारशिप रॉकेट, जिसे पहली बार दस साल पहले प्रस्तावित किया गया था, को दुनिया का सबसे शक्तिशाली रॉकेट माना जाता है। यह रॉकेट सिर्फ अंतरिक्ष यात्रा के लिए ही नहीं, बल्कि धरती पर तेज़ और प्रभावी यात्रा के लिए भी डिज़ाइन किया गया है। एलन मस्क ने यह घोषणा 6 नवम्बर को एक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर की, जहां उन्होंने एक यूजर द्वारा किए गए सुझाव का जवाब दिया। उस सुझाव में कहा गया था कि स्पेसएक्स को कुछ वर्षों में ट्रंप प्रशासन के तहत स्टारशिप को 'अर्थ-टू-अर्थ' यात्रा के लिए अमेरिकी विमानन प्रशासन से मंजूरी मिल सकती है।

एक घंटे से भी कम समय में यात्रा

मस्क के मुताबिक, स्पेसएक्स की योजना है कि स्टारशिप रॉकेट का इस्तेमाल धरती के शहरों के बीच यात्रा के लिए किया जाए। इस रॉकेट की मदद से यात्रियों को महज एक घंटे से भी कम समय में एक शहर से दूसरे शहर तक पहुंचाया जा सकेगा। यह रॉकेट अंतरिक्ष में लॉन्च होकर पृथ्वी के समानांतर यात्रा करेगा, जिससे तेज़ और कुशल यातायात संभव हो सकेगा। स्टारशिप की लंबाई 395 फीट है और यह एक बार में 1000 यात्रियों को ले जाने की क्षमता रखता है।

दुनिया के प्रमुख शहरों के बीच तेज़ यात्रा

स्पेसएक्स ने दावा किया है कि यह प्रणाली यात्रियों को बेहद कम समय में पृथ्वी के विभिन्न शहरों के बीच यात्रा करने की सुविधा देगी। उदाहरण के लिए, लॉस एंजेलिस से टोरंटो की यात्रा महज 24 मिनट, लंदन से न्यूयॉर्क की यात्रा 29 मिनट, और दिल्ली से सैन फ्रांसिस्को की यात्रा 30 मिनट में पूरी हो सकती है। हालांकि, उड़ान के दौरान यात्रियों को कम गुरुत्वाकर्षण का अनुभव होगा, जिससे उन्हें सीट बेल्ट पहनना अनिवार्य होगा।

टेकऑफ और लैंडिंग के दौरान, यात्रियों को सामान्य गुरुत्वाकर्षण बल का सामना करना पड़ेगा। स्पेसएक्स ने एक दशक पहले 'अर्थ-टू-अर्थ' यात्रा की अवधारणा को पहली बार प्रस्तुत किया था। अब मस्क ने इसे जल्द ही एक वास्तविकता बनाने का वादा किया है। अगर यह योजना सफल होती है, तो यह न केवल यात्रा की गति को बढ़ाएगा, बल्कि पूरी दुनिया में यात्रा करने के तरीकों को भी बदल देगा। First Updated : Sunday, 17 November 2024