चीन की अमेरिका को दी गई धमकी भी काम नहीं आई. अमेरिका ने ताइवान को खतरनाक हथियार दे दिए हैं. इससे बीजिंग और वॉशिंगटन के बीच टेंशन बढ़ सती है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिका ने ताइवान को 38 M1A2T अब्राम टैंक की सप्लाई की है. बताया जा रहा है कि यूएस ने हथियारों की पहली खेप भेज दी है. ताइवान की सेना के पास पहले से ही 1 हजार ताइवान निर्मित सीएम 11 ब्रेव टाइगर और US निर्मित M60A3 टैंक हैं.
अब्राम टैंकों की डिमांड ताइवान ने 5 साल पहले ही की थी. ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने भी पुष्टि की है. रक्षा मंत्रालय के अनुसार पहली खेप में 38 एडवांस अब्राम युद्धक टैंक यूएस ने भेजे हैं. ये टैंक ताइवान को ऐसे समय में मिले हैं, जब उसे ड्रैगन से जंग का खतरा है. मौजूदा समय में अमेरिका ताइवान की मदद कर रहा है. ताइवान भी अपनी सैन्य ताकत में लगातार इजाफा कर रहा है. अमेरिका ने पिछले काफी समय में ताइवान को हथियार मुहैया करवाए हैं. हालांकि चीन इसके विरोध में कई बार धमकी दे चुका है.
अब्राम दुनिया के बेहतरीन टैंकों में शुमार
ताइवान की सेना के पास फिलहाल 1,000 ताइवान निर्मित सीएम 11 ब्रेव टाइगर और अमेरिका निर्मित एम60ए3 टैंक शामिल हैं. खासतौर से अब्राम टैंक की बात की जाए तो ये जो दुनिया में सबसे बेहतरीन टैंकों में शुमार हैं और अमेरिकी सेना का मुख्य आधार हैं. इस 'दुर्जेय' मुख्य युद्धक टैंक सका वजन करीब 68 टन है.
अमेरिका के इस टैंक में उन्नत कवच और गतिशीलता है. इसमें 120 मिमी स्मूथ बोर गन शामिल है, जो विभिन्न प्रकार के गोले दागने में सक्षम है. इससे बख्तरबंद लक्ष्यों के खिलाफ इसकी ताकत बढ़ जाती है. चार सदस्यों के चालक दल के साथ इसमें थर्मल इमेजिंग, कम्प्यूटरीकृत अग्नि नियंत्रण प्रणाली और कवच तकनीक शामिल है.
ताइवान को चीन से डर!
ताइवान को बीते कुछ समय से चीन के हमले के खतरे का सामना करना पड़ रहा है. इस डर के मद्देनजर ताइवान यह अपनी रक्षा को उन्नत कर रहा है. ताइवान अपनी सुरक्षा क्षमताओं को बढ़ाने के लिए अमेरिकी हथियारों पर निर्भर करता है. ताइवान को M1A2 टैंकों का पहला बैच मिल है. ताइवान को ऑर्डर के बाकी टैंक 2025 और 2026 में मिलने की उम्मीद है.
चीन ने अमेरिका को दी खुली धमकी
चीन काफी समय से अमेरिका को हथियार नहीं देने की धमकी देता आया है. वह साफ कर चुका है कि अपनी संप्रभुता बचाने के लिए वह किसी भी हद तक जा सकता है. इस महीने की शुरूआत में ही चीन ने हथियारों की बिक्री को मंजूरी देने के लिए अमेरिका को खुली धमकी दी थी. चीन ने इसे वन चाइना पॉलिसी का उल्लंघन माना था. चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा था कि वह अपनी राष्ट्रीय संप्रभुता, सुरक्षा और आतंकवादी उपायों की रक्षा के लिए मजबूत और जवाबी कदम उठाएगा. उसने कहा, अगर यूएस ताइवान को तुरंत हथियार देना बंद नहीं करता है तो कड़े कदम उठाए जाएंगे. First Updated : Saturday, 21 December 2024