'म्यांमार में हवाई हमले से दहशत! 40 से ज्यादा लोगों की मौत, गांव में आग लगने से सैकड़ों घर जल गए
पश्चिमी म्यांमार के एक गांव पर सेना ने हवाई हमला किया, जिसमें करीब 40 लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हुए। हमले के बाद आग लग गई, जिससे सैकड़ों घर जलकर राख हो गए। इस हमले ने पूरे इलाके में दहशत फैला दी है। म्यांमार में सेना के खिलाफ हिंसा लगातार बढ़ती जा रही है, लेकिन इस हमले के पीछे का कारण अभी तक साफ नहीं हो पाया है। जानिए पूरी कहानी!
Devastating Airstrike in Myanmar: म्यांमार की सेना ने बुधवार को पश्चिमी म्यांमार के रामरी द्वीप के क्यौक नी माव गांव पर हवाई हमला किया, जिसमें कम से कम 40 लोग मारे गए और 20 से ज्यादा लोग घायल हो गए। यह गांव जातीय अराकान सेना के नियंत्रण में था। हमले के दौरान बमबारी से आग लग गई, जिससे सैकड़ों घर जल गए और गांव पूरी तरह से तबाह हो गया। हालांकि, सेना ने इस हमले की पुष्टि नहीं की है।
हमले के दौरान कई निर्दोष नागरिक मारे गए
अराकान आर्मी के प्रवक्ता खैंग थुखा ने बताया कि बमबारी में सभी मृतक नागरिक थे, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे। उन्होंने यह भी बताया कि बमबारी के कारण जो आग लगी, उसने पूरे गांव में तबाही मचाई और करीब 500 घरों को नष्ट कर दिया। यह हमला क्यों किया गया, इसका अभी तक कोई स्पष्ट कारण सामने नहीं आया है।
म्यांमार में हिंसा की स्थिति और अराकान सेना का बढ़ता प्रभाव
यह हमला म्यांमार में सेना द्वारा नागरिकों पर किए गए लगातार हमलों की कड़ी का हिस्सा है। फरवरी 2021 में सेना द्वारा लोकतांत्रिक सरकार को हटाए जाने के बाद से म्यांमार में हिंसा और संघर्ष लगातार बढ़ता जा रहा है। इस बीच, अराकान आर्मी ने राखाइन राज्य के बड़े हिस्से पर कब्जा कर लिया है और अब सेना के खिलाफ भी बड़े अभियान चला रही है।
#Rakhine State, The junta carried out aerial bombing to Kyauknimaw Village-tract in Ramree Township around 1 p.m. on Wednesday, killing more than 40 civilians including children and injuring around 20.#2025Jan9Coup#Airbusted#AirBus2AirStrikes#WhatsHappeningInMyanmar pic.twitter.com/UThMPzuVjo
— Nwe (@scarlletnn) January 9, 2025
क्यौक नी माव में हमले के बाद स्थिति और भी गंभीर
स्थानीय चैरिटी समूहों और मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हमले के बाद गांव में घायल हुए लोगों को इलाज के लिए गंभीर दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि यहां दवाओं की कमी हो गई है। यह स्थिति और भी चिंताजनक हो गई है, क्योंकि इलाके में इंटरनेट और मोबाइल नेटवर्क बंद हैं, जिससे बाहरी दुनिया से संपर्क भी मुश्किल हो गया है।
म्यांमार में बढ़ती हिंसा और जनसंहार की स्थिति
यह हमला म्यांमार के इतिहास में हुए कई ऐसे हमलों का हिस्सा है, जिनमें सेना ने शांतिपूर्ण नागरिकों पर बमबारी की है। 2017 में भी यहां सेना ने क्रूर आतंकवाद विरोधी अभियान चलाया था, जिससे लाखों रोहिंग्या मुसलमानों को बांग्लादेश में शरण लेने पर मजबूर होना पड़ा था।
हमले के बाद की स्थिति और अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया
इस हमले के बाद अंतर्राष्ट्रीय समुदाय म्यांमार की सैन्य सरकार की कार्रवाई की आलोचना कर रहा है, लेकिन इसके बावजूद म्यांमार के पश्चिमी हिस्से में लगातार बढ़ते संघर्ष और हिंसा को रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। यह स्थिति म्यांमार की राजनीति में और अधिक जटिलता पैदा कर रही है और यहां के नागरिकों के लिए सुरक्षित और शांतिपूर्ण जीवन की संभावना और भी दूर होती जा रही है।
क्यौक नी माव पर हुए इस हमले ने म्यांमार में सैन्य शासन के खिलाफ बढ़ते विरोध और संघर्ष को और भी तेज कर दिया है। इस हिंसक घटना ने एक बार फिर साबित किया है कि म्यांमार में सेना की बर्बरता और हिंसा का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है, और इससे स्थानीय लोगों का जीवन और भी कठिन हो गया है।