Explainer: दुनिया के सबसे बड़े मुस्लिम देश इंडोनेशिया की भारत की रामायण से है कितनी अलग? हिंदू संस्कृति का आज भी है प्रभाव

Indonesia Kakawin Ramayana: दक्षिण पूर्व-एशिया में स्थित इस मुस्लिम आबादी की जनसंख्या 23 करोड़ है, जो दुनिया में सबसे ज्यादा मुस्लिम जनसंख्या वाला देश है. फिर भी वर्ष 1973 में इंडोनेशिया ने अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया था.

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Edited By: Sachin

Indonesia Kakawin Ramayana: अयोध्या में राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के लिए तैयारी जोरो-शोरो से चल रही है, 22 जनवरी को धूमधाम और हिंदू संस्कृति परंपरा के साथ राम लला गर्भगृह में विराजमान होंगे. इसके साथ ही अब देश-दुनिया में रामकथा और रामायण को लेकर नई-नई कहानियां सामने आ रही हैं. रामायण का प्रदर्शन वैसे भी कई देशों में किया जाता है. उनमें से एक है इंडोनेशिया. सबसे खास बात यह है कि यह देश मुस्लिम बहुसंख्यक वाला है. लेकिन इसके बाद भी यहां रामायण का प्रचार खूब होता है. आईए जानते हैं कि वहां पर रामायण कब प्रदर्शित की जाती है और भारत और इंडोनेशिया की रामायण में कितना फर्क है...

इंडोनेशिया 10वीं शताब्दी तक रहा हिंदू-बौद्ध देश

इंडोनेशिया एक मुस्लिम बहुल देश है इसके बाद भी यहां पर हिंदू संस्कृति का जमकर प्रसार होता है, वैसे भी 9वीं-10वीं शताब्दी में यह हिंदू और बौद्धों का देश हुआ करता था. लेकिन बाद में यहां पर बड़ी संख्या में इस्लाम धर्म अपनाने के बाद भी उनकी मान्याताओं में कोई खास बदलाव देखने को नहीं मिला. वह आज भी भगवान राम को अपना अराध्य मानते हैं और रामायण को लोग के मनमानस में बनाए रखने रामलीलाओं का मंचन धूमधाम से करते हैं. 

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दुनिया में सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाला देश 

दक्षिण पूर्व-एशिया में स्थित इस मुस्लिम आबादी की जनसंख्या 23 करोड़ है, जो दुनिया में सबसे ज्यादा मुस्लिम जनसंख्या वाला देश है. फिर भी वर्ष 1973 में इंडोनेशिया ने अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया था. दुनिया में ऐसा पहली बार हुआ था कि किसी मुस्लिम देश ने हिंदुओं के इतने बड़े ग्रंथ का मंचन अंतर्राष्ट्रीय स्तर किया था. वैसे आपको अगर इंडोनेशिया में राम कथा का प्रभाव देखना है तो रामायण मंचन के साथ पत्थर पर उकेरे राम-सीता मूर्तियों को देख सकते हैं. अगर हम दोनों देशों के बीच रामायण की बात करें तो इनमें काफी अंतर देखा जाता है. भारत में वैसे तो रामायण की कई ग्रंथ मिल जाते हैं, लेकिन महर्षि वाल्मीकी के संस्कृति में लिखा गया महाकाव्य काफी बड़ी संख्या में मान्यता प्राप्त है. क्योंकि इसकी रचना मुख्य तौर पर राम काल के आसपास मानी जाती है. 

वाल्मीकी की रामायण में राम को आदर्श के रूप में देखा गया 

महर्षि वाल्मीकि की रामायण में राम को एक आदर्श पुत्र, पति, मित्र, भाई और राजा के रूप में बताया गया है, जिसके कारण उन्हें आज पूरे विश्व में राम को लोग अपना आराध्य मानते हैं. उन्हें विष्णु का भी अवतार माना गया है. सात कांडों में विभाजित 24 हजार श्लोकों के साथ राम कथा को रचाया बसाया गया है. भारत में राम के घर को अयोध्या बताया गया है. जहां वर्तमान समय में राम लला विराजने की तैयारी चल रही है, यहां पर सुरक्षा से लेकर तमाम सुविधाएं की गई ताकि आमंत्रित लोगों को भगवान राम के दर्शन के लिए किसी भी प्रकार की दुविधा नहीं होनी चाहिए. वहीं, दूसरी ओर इंडोनेशिया की रामायण में राम जन्मभूमि को योग्या बताया गया है. 

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इंडोयनेशिया में रामायण की शुरुआत राम के जन्म से होती है

इंडोनेशिया में राम कथा को ककनिन या काकावीन के नाम से जाना जाता है, इंडोनेशिया की रामायण के रचयिता कवि योगेश्वर को मानक उपाधि प्राप्त है. उन्होंने रामायण को 26 अध्यायाओं में विभाजित किया है. इस रामायण में महाराज दशरथ को विश्वरंजन कहा जाता है और वह शिव के भक्त रूप में रचे गए हैं. वहीं, जब भगवान राम का जन्म होता है तो वहीं से रामायण की शुरुआत होती है. जन्म के समय गामलान नामक वाद्य यंत्र बजने लग जाता है. वहीं, लक्ष्मण को नौसेना का अध्यक्ष बताया गया है और सीता को सिंता बताया गया है.  

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हनुमान का है अहम किरदार

इंडोनेशिया का रामायण में हनुमान का सबसे प्रसिद्ध किरदार है और वहां हनुमान को अनोमान कहा जाता है. हनुमान इंडोनेशिया का किरदार पर कितना फेमस है वह इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि जब इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में स्वतंत्र दिवस सेलेब्रेट किया जाता है तो आम लोग अनोमान (हनुमान) की वेशभूषा पहनकर रैली निकालते हैं. यह आयोजन हर वर्ष 27 दिसंबर को मनाया जाता है. 

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17 January 2024, 10:45 AM IST

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