Pakistani Soldiers Dead Body: जहां एक ओर देश अपनी सेना के शहीदों को सम्मानपूर्वक विदाई देते हैं, वहीं पाकिस्तान ने इस मुद्दे पर मानवता को शर्मसार कर दिया है। खैबर पख्तूनख्वा में आतंकवादियों से लड़ाई में मारे गए सैनिकों के शवों को गधों पर ढोने का मामला सामने आया है। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिससे पाकिस्तान की कड़ी आलोचना हो रही है।
आतंकवादियों से जूझते हुए मारे गए 100 से अधिक सैनिक
पाकिस्तान के बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा क्षेत्र में पिछले एक महीने में 100 से ज्यादा सैनिक आतंकवादियों के हमलों में मारे गए हैं। हालांकि, पाकिस्तानी सेना इन मौतों को छिपाने की कोशिश करती रही है। हाल ही की घटना में आतंकवादियों ने 24 से ज्यादा सैनिकों को मार गिराया और 7 पुलिसकर्मियों का अपहरण कर लिया। इसके बाद मृत सैनिकों के शवों को जल्दबाजी में घटनास्थल से हटाने के लिए प्रशासन ने गधों का सहारा लिया।
गधों पर शव ढोने की करतूत पकड़ी गई
पाकिस्तानी प्रशासन ने जंगल के रास्ते शवों को गधों पर लादकर ले जाने की कोशिश की। लेकिन यह शर्मनाक हरकत सेना की दूसरी टुकड़ी ने पकड़ ली। सैनिकों ने इस घटना का वीडियो भी बना लिया, जिसमें कमांडरों के खिलाफ अपशब्द और बहस भी रिकॉर्ड हुई। इस घटना ने पाकिस्तानी सेना के भीतर भारी असंतोष पैदा कर दिया है।
वीडियो वायरल होने से मचा हड़कंप
सेना द्वारा बनाए गए इस वीडियो के वायरल होने के बाद आर्मी के वरिष्ठ अधिकारियों में खलबली मच गई। सैन्य प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने प्रधानमंत्री से इस मामले में तत्काल कार्रवाई की मांग की। इसके बाद उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की गई, जिसमें इस घटना की जिम्मेदारी तय करने पर चर्चा हुई।
हेलीकॉप्टर क्यों नहीं किए गए इस्तेमाल?
घटना के बाद सवाल उठ रहे हैं कि पाकिस्तान के भारी-भरकम रक्षा बजट के बावजूद शवों को ले जाने के लिए हेलीकॉप्टर क्यों नहीं उपलब्ध कराए गए। सेना में चर्चा है कि हेलीकॉप्टर उच्च अधिकारियों और उनके परिवारों के लिए इस्तेमाल किए जा रहे थे। साथ ही मुख्यमंत्री मरियम नवाज के भी हेलीकॉप्टर से यात्रा करने की खबरें सामने आई हैं।
आतंकवादियों के खिलाफ सैन्य अभियान की मंजूरी
गधों पर शव ढोने के वीडियो के बाद पाकिस्तानी सेना में उपजे आक्रोश को शांत करने के लिए संघीय शीर्ष समिति ने बलूचिस्तान में सक्रिय आतंकवादी समूहों के खिलाफ सैन्य अभियान को मंजूरी दी है। हालांकि, इस घटना ने सेना के भीतर भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन को उजागर कर दिया है। पाकिस्तान की यह घटना केवल उसकी सेना की विफलता को नहीं दर्शाती बल्कि यह भी दिखाती है कि सैनिकों के बलिदान के प्रति वहां कैसा असंवेदनशील रवैया है। First Updated : Thursday, 21 November 2024