कांच के घरों में बैठकर पत्थर मत फेंको...' अमेरिका पर ईरान का दबाव, परमाणु युद्ध की दी चेतावनी
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खामनेई के करीबी सहयोगी ने चेतावनी दी है कि यदि अमेरिका ने ईरान पर हमला किया, तो ईरान परमाणु बम बनाने के लिए मजबूर हो जाएगा. खामनेई के सलाहकार अली लारिजानी ने कहा कि ईरान के पास रूस और चीन जैसे शक्तिशाली देशों का समर्थन भी मिलेगा.

अमेरिका और ईरान के बीच बढ़ते तनाव को लेकर अब एक नई रणनीति सामने आई है. ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई के करीबी सहयोगी ने खुलासा किया है कि अगर अमेरिका ने ईरान पर हमला किया, तो ईरान परमाणु बम बनाने के लिए मजबूर हो जाएगा. साथ ही, रूस और चीन जैसे शक्तिशाली देशों से समर्थन मिलने की बात भी कही गई है. यह बयान ईरान की परमाणु योजनाओं और मिसाइल क्षमता की ओर इशारा करता है, जो दुनिया के लिए एक नई चुनौती बन सकता है.
यूएन की रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान पहले ही परमाणु बम बनाने के करीब है, लेकिन इस पर अंतिम घोषणा अब तक नहीं हो पाई है. ईरान का यह कदम एक रणनीतिक चाल के रूप में देखा जा रहा है, जिससे वह अमेरिका पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है. इसके अलावा, खामनेई के करीबी सहयोगी का यह बयान अमेरिका के लिए एक चेतावनी के तौर पर सामने आया है.
हम परमाणु बम बना सकते हैं- अमेरिका
अली लारिजानी, जो कि खामनेई के सलाहकार हैं, ने अमेरिका को सख्त चेतावनी दी है. उन्होंने कहा, "अगर अमेरिका या उसके सहयोगी देशों ने हम पर हमला किया, तो ईरान परमाणु हथियार बनाने के लिए मजबूर हो जाएगा." यह बयान ईरान की रक्षा क्षमता और उसकी कूटनीतिक ताकत को दर्शाता है, जो अब अमेरिका और उसके सहयोगी देशों के लिए गंभीर चुनौती बन चुका है.
ईरान के पास है सुरक्षा कवच
ईरान ने यह भी स्पष्ट किया कि अगर अमेरिका ने उस पर हमला किया, तो रूस और चीन जैसे देशों का समर्थन उसे मिलेगा. ये दोनों देश ईरान को वैश्विक स्तर पर मजबूत सुरक्षा कवच प्रदान कर सकते हैं. अमेरिकी प्रतिबंधों के बावजूद, ईरान के पास सैन्य और कूटनीतिक विकल्प मौजूद हैं, जो उसे इस संघर्ष में ताकत दे रहे हैं.
ईरान का आत्मनिर्भर सैन्य तंत्र
ईरान की सबसे बड़ी ताकत उसका आत्मनिर्भर सैन्य तंत्र और खासकर उसकी मिसाइल क्षमता है. ईरानी इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स (IRGC) के वरिष्ठ कमांडर जनरल अमीर अली हाजीज़ादेह ने अमेरिका को चेतावनी दी कि यदि अमेरिका ने ईरान पर हमला किया, तो वह उसे कड़ा जवाब देगा. उन्होंने कहा, "अमेरिका के क्षेत्र में कम से कम 10 सैन्य ठिकाने हैं, जहां 50,000 सैनिक तैनात हैं. अगर वे हम पर हमला करते हैं, तो उन्हें कड़ा जवाब मिलेगा."
"कांच के घरों में बैठकर पत्थर मत फेंको"
जनरल हाजीज़ादेह ने अमेरिका को चेतावनी दी कि "जो लोग कांच के घरों में रहते हैं, उन्हें दूसरों पर पत्थर नहीं फेंकना चाहिए." यह बयान ईरान की मिसाइल ताकत को प्रदर्शित करता है और यह स्पष्ट करता है कि अगर अमेरिका ने ईरान पर हमला किया, तो जवाबी कार्रवाई कितना घातक हो सकता है.
संयुक्त राष्ट्र के माध्यम से ईरान की चेतावनी
ईरान ने अपनी धमकियों को केवल शब्दों तक सीमित नहीं रखा है, बल्कि उसने संयुक्त राष्ट्र के जरिए भी अमेरिका को कड़ी चेतावनी दी है. ईरान के राजदूत अमीर सईद इरवानी ने सुरक्षा परिषद को पत्र लिखते हुए कहा कि अगर अमेरिका या उसका सहयोगी इस्राइल कोई आक्रामक कदम उठाते हैं, तो ईरान तुरंत और मजबूती से जवाब देगा.
मिसाइल अटैक और परमाणु रणनीति का संबंध
ईरान का मिसाइल अटैक केवल एक शक्ति प्रदर्शन नहीं है, बल्कि इसके पीछे उसकी परमाणु रणनीति भी छिपी हुई है. ईरान का संदेश स्पष्ट है: "अगर हालात बिगड़े, तो हम परमाणु हथियार हासिल करने के लिए मजबूर होंगे." यह रणनीति अमेरिका पर दबाव बनाने की कोशिश है, ताकि वह ईरान के परमाणु कार्यक्रम को रोकने के लिए कदम न उठाए.
अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर हमले की तैयारी
ब्रिटिश अखबार द टेलीग्राफ के मुताबिक, ईरान के वरिष्ठ सैन्य अधिकारी अमेरिकी सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की रणनीति पर काम कर रहे हैं. विशेष रूप से डिएगो गार्सिया द्वीप पर स्थित अमेरिकी और ब्रिटिश सैन्य ठिकानों को लेकर चिंता जताई जा रही है. अगर ईरान ने इन ठिकानों पर हमला किया, तो यह अमेरिका के लिए एक बड़ा झटका हो सकता है.