ट्रंप के चुनावी जीत के बाद अवैध प्रवासियों के लिए बड़ा फैसला, जानें कौन होंगे प्रभावित
चुनाव जीतने के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अवैध प्रवासियों को अमेरिका छोड़ने का आदेश दिया जाएगा। ट्रंप ने अपने पहले इंटरव्यू में यह स्पष्ट किया कि कौन से प्रवासी अमेरिका में रह सकते हैं और किसे देश छोड़ना पड़ेगा। यह निर्णय अमेरिका में रहने वाले अवैध प्रवासियों के लिए अहम साबित हो सकता है।
वॉशिंगटन: अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चुनावी वादे के तहत अवैध प्रवासियों को वापस भेजने पर एक बार फिर जोर दिया है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि वह चाहते हैं कि लोग वैध तरीके से अमेरिका में प्रवेश करें। ट्रंप का यह बयान एनबीसी के साथ एक इंटरव्यू के दौरान आया, जो उनके राष्ट्रपति चुनाव में जीत के बाद पहला था। ट्रंप ने कहा, "हमें अपनी सीमा को मजबूत और शक्तिशाली बनाना होगा, ताकि केवल योग्य लोग ही हमारे देश में प्रवेश कर सकें। हम चाहते हैं कि लोग हमारे देश में आएं, लेकिन सही तरीके से।"
अवैध प्रवासियों को भेजने की लागत पर दी प्रतिक्रिया
जब ट्रंप से अवैध प्रवासियों को सामूहिक रूप से वापस भेजने की लागत के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि यह कोई मुद्दा नहीं है। उन्होंने कहा, "अगर लोग हत्याएं करते हैं, ड्रग माफिया देशों को नष्ट कर देते हैं, तो ऐसी स्थिति में वापस भेजने की कीमत कोई बड़ी बात नहीं है।" ट्रंप का यह बयान इस बात पर आधारित था कि उनका मानना है कि अवैध रूप से देश में रह रहे लोगों को जल्द से जल्द वापस भेजा जाना चाहिए, चाहे इसके लिए किसी भी प्रकार की लागत क्यों न आए।
जो बाइडेन और हैरिस के साथ बातचीत पर दिया बयान
नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ने जो बाइडेन और कमला हैरिस के साथ अपनी बातचीत को "बहुत अच्छी" और "बहुत सम्मानजनक" बताया। ट्रंप ने कहा कि वह बाइडेन के साथ लंच करने की उम्मीद रखते हैं। इससे यह संकेत मिलता है कि ट्रंप सत्ता में आने के बाद भी सहयोगात्मक दृष्टिकोण अपनाना चाहते हैं और दोनों पक्षों के बीच अच्छे संबंध बनाए रखना चाहते हैं।
70 से अधिक वैश्विक नेताओं से बात की
राष्ट्रपति ट्रंप ने बताया कि उन्होंने 70 से अधिक वैश्विक नेताओं से बात की है, जिनमें यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी बताया कि उन्होंने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से अभी तक कोई बात नहीं की है। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्रंप की जीत पर उन्हें बधाई दी थी और भारत-अमेरिका की रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने का समर्थन किया था।