बस का इंतजार कर रही थी बेटी… गैंगवार की शिकार हुई कनाडा में पढ़ाई कर रही भारतीय छात्रा
कनाडा में पढ़ाई कर रही भारतीय छात्रा की अचानक मौत ने सबको हिला कर रख दिया है. बस स्टॉप पर खड़ी मासूम लड़की को गोली लगने की खबर से हर कोई हैरान है. पुलिस ने कहा, वो किसी गैंगवार की शिकार हो गई. पूरा मामला चौंकाने वाला है और इससे जुड़ी कई बातें जानना बाकी हैं... आख़िर क्या थी वजह और कैसे हुआ ये सब? जानिए पूरी कहानी!

Canada: विदेश में पढ़ाई करने का सपना लेकर कनाडा गई एक भारतीय बेटी की अचानक गोली लगने से मौत हो गई. 21 साल की हरसिमरत कौर रंधावा, जो ओंटारियो के मेहॉक कॉलेज में पढ़ाई कर रही थीं, उस वक्त बस स्टॉप पर खड़ी थीं जब एक गैंगवार के बीच वो अनजाने में फंस गईं. गोली सीधा उनके सीने में लगी और उन्होंने अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ दिया.
पढ़ाई का सपना अधूरा रह गया
हरसिमरत रंधावा कनाडा के ओंटारियो प्रांत के हैमिल्टन शहर में रहकर पढ़ाई कर रही थीं. उस दिन वह रोज़ की तरह अपने घर से निकलीं और बस स्टॉप पर खड़ी थीं. तभी अचानक दो गाड़ियों के बीच फायरिंग शुरू हो गई. हैमिल्टन पुलिस की मानें तो ये एक गैंगवॉर की घटना थी, जिसमें हरसिमरत पूरी तरह निर्दोष थीं.
सीधे सीने में लगी गोली, मौके पर ही गिरी बेहोश
पुलिस के अनुसार, शाम करीब 7:30 बजे उन्हें घटना की सूचना मिली. जब वे मौके पर पहुंचे, तो हरसिमरत बेहोशी की हालत में पाई गईं. गोली उनके सीने में लगी थी. फौरन अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. घटना का सीसीटीवी फुटेज खंगाला गया, जिसमें दिखा कि एक काली कार से किसी ने फायरिंग की और तुरंत फरार हो गया.
दूतावास और प्रशासन परिवार के साथ
टोरंटो स्थित भारतीय दूतावास ने इस घटना पर गहरा दुख जताया है. उन्होंने सोशल मीडिया के ज़रिए जानकारी दी कि वह हरसिमरत के परिवार के संपर्क में हैं और हर संभव मदद कर रहे हैं. दूतावास ने कहा, 'हम इस कठिन समय में परिवार के साथ खड़े हैं.' पुलिस अब CCTV फुटेज और चश्मदीदों के बयान के आधार पर हमलावर की तलाश कर रही है. कार का नंबर पता लगाने की कोशिश हो रही है ताकि उस तक पहुंचा जा सके जिसने मासूम छात्रा की जान ले ली.
विदेश में सुरक्षा पर फिर उठे सवाल
हरसिमरत की इस दुखद मौत ने एक बार फिर से भारतीय छात्रों और उनके परिवारों के बीच विदेश में सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है. पढ़ाई का सपना लेकर बाहर जाने वाले स्टूडेंट्स के लिए यह एक बड़ी चेतावनी है कि वहां खतरे सिर्फ किताबों तक सीमित नहीं हैं.


