Earth Crack : ख़बर आफ्रीका से है। दरअसल, आफ्रीका में धरती के फटने की बात सामने आ रही है। और इसके फटने की रफ्तार लगातार बढ़ती ही जा रही है। धरती फटने की वजह से वहां का पूरा का पूरा वातावरण भी बदल गया है। वन्य जीव, पेड़ पौधों पर भी इसका असर देखने को मिल रहा है। मार्च में एक रिसर्च रिपोर्ट में बताया गया था कि अगर इसी रफ्तार से धरती फटती रही तो यह दो हिस्सों में बट जाएगी। मार्च में आफ्रीका में धरती फटने की दरार 56 किलोमीटर लंबी थी जो वर्तमान में और बढ़ चुकी है।
ऐसा क्यों हो रहा है?
इस मामले पर कई संस्थान रिसर्च कर रहे हैं। हाल ही में जियोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ लंदन ने कहा था कि 35,00 किलोमीटर का एरिया घाटियों घाटियों के एक लंबे नेटवर्क में फैला हुआ है, जो लाल सागर से लेकर मोजाम्बिक तक है। इस क्षेत्र के आस-पास की जमीन में बड़े - बड़े दरारे देखी जा रही है। अगर पृथ्वी के फटने का ये सिलसिला ऐसे ही चलता रहा तो एक सागर बन जायेगा जो आफ्रीका को दो हिस्सों में बांट देगा। भू वैज्ञानिक इस पर अध्ययन कर रहे हैं। इसके पीछे की वजह जानने के लिए टेक्टोनिक प्लेटों का भी अध्ययन किया जा रहा है।
जियोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ लंदन के भू वैज्ञानिकों का कहना है कि अंग्रेजी के Y अल्फाबेट के जैसे आफ्रीका की धरती फट रही है।
इस घटना पर नाशा भी अपनी नजर बनाए हुए है। नाशा के वैज्ञानिकों का कहना है कि सोमालियाई टेक्टोनिक प्लेट न्युबियन टेक्टोनिक प्लेट को पूर्व की ओर तेजी से खिंच रही है। इसी कारण पृथ्वी में दरारे पड़ रही हैं। इन प्लेटों को अफ्रीकी प्लेट के नाम से भी जाना जाता है। First Updated : Saturday, 24 June 2023