अफगानिस्तान में 5.9 तीव्रता का भूकंप, झटके भारत, तिब्बत और बांग्लादेश में हुए महसूस
अफगानिस्तान के हिंदू कुश क्षेत्र में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए, जिनका प्रभाव भारत से लेकर बांग्लादेश तक पड़ा. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार, भूकंप का केंद्र धरती से 75 किलोमीटर की गहराई पर था. यह भूकंप 5.9 तीव्रता का था, जिससे इलाके में हलचल मच गई.

अफगानिस्तान के हिंदू कुश क्षेत्र में आज सुबह 04:43 बजे 5.9 तीव्रता का भूकंप आया, जिससे न केवल अफगानिस्तान बल्कि भारत के जम्मू-कश्मीर, तिब्बत और बांग्लादेश में भी झटके महसूस किए गए. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान में 75 किलोमीटर की गहराई पर था. यह भूकंप हिंदू कुश क्षेत्र के भूगर्भीय रूप से सक्रिय क्षेत्र में आया, जो भूकंपों के लिए जाना जाता है.
संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (UNOCHA) के अनुसार, अफगानिस्तान लगातार प्राकृतिक आपदाओं जैसे भूकंप, बाढ़ और भूस्खलन के प्रभाव में रहा है. अफगानिस्तान के कमजोर समुदायों के लिए ये आपदाएँ और भी विनाशकारी बन सकती हैं, क्योंकि ये पहले से ही दशकों के संघर्ष और संकट का सामना कर रहे हैं. UNOCHA ने चेतावनी दी है कि लगातार आने वाले भूकंप इन समुदायों को और अधिक नुकसान पहुंचाते हैं, जिनके पास एक साथ कई आपदाओं का सामना करने की क्षमता नहीं होती.
हिंदू कुश क्षेत्र और भूकंपों का इतिहास
रेड क्रॉस के अनुसार, हिंदू कुश पर्वत श्रृंखला एक भूगर्भीय रूप से सक्रिय क्षेत्र है, जहां हर साल भूकंप आते हैं. अफगानिस्तान भारतीय और यूरेशियन टेक्टोनिक प्लेटों के बीच स्थित है और यहां कई प्रमुख फॉल्ट लाइनों का जाल फैला हुआ है. इनमें से एक फॉल्ट लाइन सीधे हेरात से होकर गुजरती है, जिससे यह क्षेत्र भूकंप के लिए अत्यधिक संवेदनशील बनता है.
5.9 तीव्रता का भूकंप कितना खतरनाक है?
5.9 तीव्रता का भूकंप मध्यम से उच्च श्रेणी का माना जाता है. इस तीव्रता का भूकंप अगर घनी आबादी वाले क्षेत्रों में होता तो भारी नुकसान की आशंका हो सकती थी, लेकिन इस बार फिलहाल किसी बड़े नुकसान की खबर नहीं आई है. हालांकि, भूकंप के बाद की स्थिति पर नजर बनाए रखी जा रही है.
पिछले कुछ दिनों में भूकंपों की कड़ी
इससे पहले ताजिकिस्तान में भी 5.9 की तीव्रता वाला भूकंप आया था, जो इस महीने का तीसरा भूकंप था. रविवार को ताजिकिस्तान में 6.1 और 3.9 की तीव्रता के दो भूकंप के झटके महसूस किए गए. इन भूकंपों के साथ ही क्षेत्रीय देशों में भूकंपों की सक्रियता में इजाफा हुआ है, जिससे स्थानीय प्रशासन और राहत संगठनों की तैयारी और अधिक महत्वपूर्ण हो गई है.
म्यांमार में भूकंप की तबाही
हाल ही में म्यांमार में भी एक शक्तिशाली भूकंप आया था, जिससे वहां व्यापक तबाही मच गई थी. भूकंप के परिणामस्वरूप हजारों लोग मारे गए थे और कई लोग अभी भी लापता हैं. म्यांमार के अलावा, भूकंप के झटके थाईलैंड और भारत के कुछ हिस्सों में भी महसूस किए गए थे. भारत ने म्यांमार में राहत सामग्री भेजने का निर्णय लिया था, ताकि वहां के प्रभावित लोगों की मदद की जा सके.
भूकंपों से निपटने के लिए तैयारी की जरूरत
अफगानिस्तान, म्यांमार, और ताजिकिस्तान जैसे देशों में बार-बार आ रहे भूकंपों से यह साबित होता है कि इन क्षेत्रों में आपदा प्रबंधन और राहत कार्यों को तेज़ी से और प्रभावी रूप से लागू करने की आवश्यकता है. देशों को भूकंपों से होने वाली क्षति को कम करने के लिए समन्वित प्रयास करने होंगे और प्राकृतिक आपदाओं से निपटने की दिशा में ठोस कदम उठाने होंगे.