एलन मस्क का अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस पर तंज, जो बाइडेन ने दिया नागरिक पुरस्कार
जो बाइडेन ने अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस को अमेरिका का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार 'स्वतंत्रता का पदक' प्रदान किया है. इसके बाद एलन मस्क ने एक्स पर अपनी एक पोस्ट में कहा कि यह हास्यास्पद है कि बाइडेन सोरोस को स्वतंत्रता का पदक दे रहे हैं.
अरबपति निवेशक जॉर्ज सोरोस व 18 अन्य लोगों को बीती रविवार को अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अमेरिका का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार 'स्वतंत्रता का पदक' प्रदान किया. यह देख नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों में भारी आक्रोश है. वहीं एलन मस्क ने जॉर्ज सोरोस पर हमला करते हुए एक्स पर अपनी एक पोस्ट में कहा कि यह हास्यास्पद है कि बाइडेन सोरोस को स्वतंत्रता का पदक दे रहे हैं. मस्क ने लिखा, जॉर्ज सोरोस ने फर्जी शरणार्थी दुःस्वप्न बनाने के लिए अरबों खर्च किए, जो अमेरिका और यूरोप को नष्ट कर रहा है.
एलन मस्क का सोरोस पर पलटवार
एलन मस्क ने जॉर्ज सोरोस की वेबसाइट पर 'शरण प्रणाली का पुनर्निर्माण' शीर्षक के साथ प्रकाशित एक आर्टिकल का हिस्सा भी शेयर किया है. इसमें सोरोस यूरोपीय संघ को कह रहे हैं कि उसे भविष्य में हर साल कम से कम दस लाख शरणार्थियों को स्वीकार करना होगा.
नरेंद्र मोदी के आलोचक रहे सोरोस
सोरोस एक प्रमुख निवेशक और ओपन सोसाइटी फाउंडेशन के संस्थापक है. उन्हें लोकतंत्र, मानवाधिकार, शिक्षा और सामाजिक न्याय को मजबूत करने के लिए उनकी वैश्विक पहल के लिए मान्यता दी गई. वहीं अमेरिका के शीर्ष पुरस्कार विजेता जॉर्ज सोरोस भारत में एक विवादास्पद व्यक्ति माने जाते हैं. भाजपा के भीतर जॉर्ज सोरोस का रुख भारत विरोधी माना जाता है. भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोरोस को 'बूढ़ा, अमीर और खतरनाक' व्यक्ति कहा था। जॉर्ज सोरोस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुखर आलोचक रहे हैं। जॉर्ज सोरोस पर अपने संगठन 'ओपन सोसाइटी फाउंडेशन' के माध्यम से 'स्वतंत्र कश्मीर के विचार' का समर्थन करने का भी आरोप है.
अपने संबोधन में स्मृति ईरानी ने कहा था कि जॉर्ज सोरोस भारत के लोकतांत्रिक ढांचे को नुकसान पहुंचाना चाहते हैं. स्मृति ईरानी ने यह भी कहा था कि भारत को जब भी विदेशी ताकतों से चुनौती मिली है तो उसने उन्हें हमेशा पराजित किया है.