यूरोप का आखिरी तानाशाह!" लुकाशेंको ने सातवीं बार ली राष्ट्रपति पद की शपथ
बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्ज़ेंडर लुकाशेंको ने मंगलवार, 25 मार्च को सातवीं बार राष्ट्रपति पद की शपथ ली. हालांकि, उनकी इस जीत को लेकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर तीखी आलोचनाएं हो रही हैं, क्योंकि चुनाव को लेकर गंभीर सवाल उठाए गए हैं. लुकाशेंको ने 87% वोट हासिल किए थे, लेकिन विपक्ष और मानवाधिकार संगठनों ने इसे एक दिखावा करार दिया है और आरोप लगाया है कि यह चुनाव लोकतंत्र की हत्या के रूप में हुआ.

बेलारूस के राष्ट्रपति एलेक्जेंडर लुकाशेंको ने मंगलवार (25 मार्च) को सातवीं बार राष्ट्रपति पद की शपथ ली. 1994 से बेलारूस की सत्ता पर काबिज लुकाशेंको ने अपने शपथ ग्रहण समारोह में पश्चिमी देशों पर जमकर तंज कसा. उन्होंने कहा कि बेलारूस में उन देशों से ज्यादा लोकतंत्र है, जो खुद को लोकतंत्र का आदर्श मानते हैं. हालांकि, लुकाशेंको की हालिया चुनावी जीत को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सवाल उठाए जा रहे हैं, जहां उन्हें 87% वोट मिले थे.
लुकाशेंको के खिलाफ हुए राष्ट्रपति चुनावों को लेकर विवाद बना हुआ है. उनका कहना था कि यह चुनाव उनके विरोधियों के लिए एक कड़वा सच था, लेकिन विपक्ष ने इसे पूरी तरह से दिखावा बताते हुए लोकतंत्र की हत्या करार दिया है. विरोधी उम्मीदवारों के समर्थक होने के कारण, इन चुनावों की निष्पक्षता पर सवाल उठाए गए हैं.
बेरहमी से कुचला गया 2020 का विरोध प्रदर्शन
2020 में लुकाशेंको की विवादित जीत के बाद बेलारूस में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए थे, जिसमें लगभग 9 लाख लोग सड़कों पर उतरे थे. इन प्रदर्शनों को सरकार ने बेरहमी से कुचल दिया, जिसके बाद हजारों लोगों को गिरफ्तार किया गया. कई विपक्षी नेता या तो जेल में हैं या देश छोड़ने को मजबूर हो गए हैं. इसके अलावा, स्वतंत्र मीडिया और एनजीओ पर भी सख्त प्रतिबंध लगाए गए.
लुकाशेंको ने आलोचकों को विदेशी ताकतों के गुलाम बताया
लुकाशेंको ने अपने शपथ ग्रहण समारोह के दौरान अपने आलोचकों को निशाना बनाते हुए कहा, “आपको जनता का समर्थन नहीं मिला है और आगे भी नहीं मिलेगा. हमारा लोकतंत्र उन देशों से बेहतर है, जो खुद को इसका आदर्श मानते हैं.”
पुतिन के समर्थन से सत्ता में मजबूती
लुकाशेंको की सत्ता का आधार रूस का समर्थन है. 2020 के विरोध प्रदर्शनों को दबाने में रूस ने उनकी मदद की थी. 2022 में, जब रूस ने यूक्रेन पर हमला किया, लुकाशेंको ने बेलारूस की जमीन का इस्तेमाल करने की अनुमति दी थी. अब हाल ही में, रूस ने अपने कुछ परमाणु हथियार बेलारूस में तैनात किए हैं, जिससे दोनों देशों के सैन्य गठबंधन को और मजबूती मिली है.