Explainer: फांसी वाले दिन सद्दाम हुसैन ने कहा- यह बहादुरी का काम है? भीड़ में से एक शख्स बोला-'जहन्नुम में जाओ…जानें पूरी कहानी
Saddam Hussain: सद्दाम के फांसी दिन वाले दिन एक वीडियो सामने आया, जहां उसे मुस्कराते हुए देखा गया था. इस दौरान सद्दाम ने कहा कि क्या यह बहादुरी वाला काम है? तो भीड़ में खड़े एक शख्स ने कहा कि तुम 'जहन्नुम में जाओ…,
Explainer: इराक पूर्व तानाशाह सद्दाम हुसैन को 30 दिसंबर 2006 को सुबह करीब तीन बजे उठाकर एक जेलकर्मी ने बताया कि उन्हें कुछ ही देर में फांसी होने वाली है. इसके बाद सद्दाम खामोशी के साथ स्नान करने गए और फांसी के लिए तैयार हो गए. पूर्व तानाशाह की सुरक्षा में लगाए 12 सिक्योरिटी गार्ड में से एक विल बार्डनवर्पर ने अपनी किताब ‘दी प्रिज़न इन हिज़ पैलेस में लिखा कि सद्दाम को पूरी उम्मीद थी कि उनको जेल के अंतिम दिनों में फांसी नहीं होने वाली है. लेकिन दो दशक सत्ता में रहने के बाद उसकी सत्ता का अंत हुआ.
इसलिए दी गई तानाशाह को फांसी
इराक के पूर्व राष्ट्रपति सद्दाम हुसैन ने साल 1982 में दुजैल शहर में अपने करीब 148 विरोधियों की हत्या करवा दी थी, इस जुर्म में इराक की एक कोर्ट ने उन्हें साल 2006 में फांसी की सजा सुनाई थी. वहीं फांसी के दिन सुरक्षा में मौजूद विल बार्डनवर्पर ने कहा कि 30 दिसंबर 2006 में सद्दाम के लिए ऐसा समय आया जब उन्हें बिल्कुल शांत कर दिया था. एक अधिकारी ने सद्दाम से पास आकर कहा कि कुछ देर में आपको फांसी होने वाली है. उन्होंने शांति बनाते हुए पहले स्नान किया और उसके बाद कपड़े पहने लिए. इसके बाद हम उन्हें फांसी के तख्ते तक लेकर गए, उस वक्त वह कुछ नारे लगा रहे थे. मानों वो बिल्कुल टूटे हुए हों.
फांसी वाले दिन तानाशाह कुरान की आयातें पढ़ रहा था
सद्दाम हुसैन को सजा-ए-मौत मिलने के बाद जहां उन्हें फांसी होने वाली थी वह स्थान बिल्कुल गुप्त रखा गया था. इराक की राजधानी ग़दाद के पास के इलाक़े ‘ख़ादमिया’ में एक इराकी कंपाउंड में कंक्रीट बने हुए सद्दाम को फांसी हुई थी. बताते हैं कि जब सद्दाम को फांसी होने वाली थी तो वह कुरान की आयातें पढ़ रहा था, उस दौरान उसने अपने हाथ में कुरान उठा रखा था. फांसी के एक बात ध्यान देने वाली बात यह थी कि सद्दाम ने उस दिन जेल के कपड़े नहीं पहन रखे थे बल्कि सफेद रंग की शर्ट और गहरे रंग का कोट पहन रखा था. जब फांसी के लिए उन्हें ले जाया जा रहा उस वक्त सिर पर काला कपड़ा ढक दिया था. लेकिन जब फांसी होने आई तो सद्दाम ने जल्लाद से काला कपड़ा हटाने के लिए बोला. वह चाहता था कि उसे फांसी बिना काले कपड़े ढके मिले.
लोग बोले- तुम जहन्नुम में जाओ
सद्दाम के फांसी दिन वाले दिन एक वीडियो सामने आया, जहां उसे मुस्कराते हुए देखा गया था. इस दौरान सद्दाम ने कहा कि क्या यह बहादुरी वाला काम है? तो भीड़ में खड़े एक शख्स ने कहा कि तुम 'जहन्नुम में जाओ…, अपने दुश्मन शख्स का जवाब देते हुए सद्दाम ने कहा कि यह जहन्नुम क्या इराक है? वीडियो में देखा गया कि वह बिल्कुल शांत थे और उन्होंने किसी प्रकार की माफी नहीं मांगी थी. सद्दाम की मौत होने के बाद जब उसके शव को बाहर लाया गया तो उस पर बहार खड़ी भीड़ ने थूकना शुरू कर दिया था. एक सुरक्षाकर्मी ने उसे रोकने की कोशिश की तो वह पर खड़े दूसरे सिक्योरिटी ने उसे रोक लिया. फाइनली 13 दिसंबर 2006 सद्दाम की जिंदगी का आखिर दिन था.
कोर्ट से पूर्व अटॉर्नी जनरल को दिया बाहर जाने का ऑर्डर
सद्दाम हुसैन के खिलाफ अदालत में सजा सुनाने से पहले अमेरिका के पूर्व अटॉर्नी जनरल रिम्से क्लार्क को कोर्ट रूम से निकल जाने के लिए ऑर्डर दिया गया था. क्योंकि उन्होंने न्यायाधीश के एक चिट्ठी पकड़ाई थी. जिसमें लिखा था- यह मुकदमा एक मजाक की तरह है.