Canada News: कनाडा ने विदेशी छात्रों के लिए बड़ा फैसला लेते हुए अपने चर्चित स्टूडेंट डायरेक्ट स्ट्रीम (SDS) प्रोग्राम को तत्काल प्रभाव से बंद करने की घोषणा की है. इमिग्रेशन, रिफ्यूजीज़ एंड सिटिजनशिप कनाडा (IRCC) के अनुसार, इस कदम का उद्देश्य छात्रों के लिए आवेदन प्रक्रिया को समान और निष्पक्ष बनाना और एक सकारात्मक शैक्षणिक माहौल तैयार करना है. SDS प्रोग्राम के बंद होने से अब सभी स्टडी परमिट आवेदन सामान्य प्रक्रिया के अंतर्गत ही जमा किए जाएंगे, जिससे छात्रों के लिए वीजा हासिल करना थोड़ा मुश्किल हो सकता है.
SDS प्रोग्राम की शुरुआत 2018 में IRCC द्वारा की गई थी. इसका उद्देश्य 14 देशों के छात्रों के लिए वीजा प्रक्रिया को सरल बनाना था, जिसमें भारत, चीन, ब्राजील, कोलंबिया, कोस्टा रिका, पाकिस्तान, पेरू, वियतनाम, मोरक्को और फिलीपींस शामिल थे. इन देशों के छात्रों के लिए यदि वे भाषा और वित्तीय जरूरतों को पूरा करते थे, तो उनका वीजा प्रोसेस तेजी से किया जाता था. SDS के अंतर्गत आवेदन करने वाले छात्रों का वीजा लगभग चार सप्ताह में मिल जाता था, जबकि सामान्य स्टडी परमिट प्रक्रिया में अधिक समय लगता है. रिपोर्ट्स के अनुसार, SDS के तहत आवेदन की स्वीकृति दर 95% थी, जिससे यह छात्रों के बीच बहुत लोकप्रिय था.
कनाडा में पिछले कुछ सालों से विदेशी छात्रों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है, जिससे संसाधनों और आवास की समस्या हो रही है. ऐसे में कनाडाई सरकार ने विदेशी छात्रों की संख्या को सीमित करने के लिए इस प्रोग्राम पर रोक लगाने का फैसला किया है. 2025 तक 437,000 स्टडी परमिट जारी करने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें सभी प्रकार के कोर्स शामिल हैं. इसके अलावा, अन्य नियमों को भी सख्त कर दिया गया है, जैसे पोस्ट-ग्रेजुएशन वर्क परमिट (PGWP) के लिए सख्त शैक्षणिक और भाषा मानदंड, और अंतरराष्ट्रीय छात्रों के जीवनसाथियों के लिए कम वर्क परमिट. पिछले साल यानी 2023 में रिकॉर्ड 807,000 स्टडी वीजा होल्डर थे, जो इस फैसले का एक प्रमुख कारण है.
SDS प्रोग्राम के बंद होने से भारतीय छात्रों पर गहरा प्रभाव पड़ेगा, क्योंकि इस प्रोग्राम का उपयोग करने वाले छात्रों में भारतीयों की संख्या सबसे अधिक थी. 2022 में 80% भारतीय छात्रों ने SDS का उपयोग किया, और 2023 में जनवरी से मार्च के बीच चार में से तीन भारतीय छात्रों ने इसी माध्यम से आवेदन किया था. SDS के तहत भारतीय छात्रों को वीजा आसानी से मिलता था, जबकि सामान्य प्रक्रिया में स्वीकृति दर बहुत कम है. महामारी के समय SDS भारतीय छात्रों के लिए वरदान साबित हुआ था, लेकिन अब इसके बंद होने से भारतीय छात्रों के लिए कनाडा में पढ़ाई के अवसर सीमित हो सकते हैं.
नए नियमों के अनुसार, इमिग्रेशन अधिकारी अब यह तय करेंगे कि वीजा सिंगल एंट्री के लिए दिया जाए या मल्टीपल एंट्री के लिए. इसके अलावा, वीजा की वैधता अवधि भी अधिकारी तय करेंगे, जो यात्रा का उद्देश्य, पेशा, वित्तीय स्थिति, स्वास्थ्य और अन्य कारकों पर निर्भर करेगी. पहले मल्टीपल-एंट्री वीजा धारकों को वीजा की अवधि के दौरान किसी भी देश से कनाडा में प्रवेश की अनुमति मिलती थी, जो अब सीमित कर दी जाएगी.
SDS प्रोग्राम बंद होने के बाद विदेशी छात्रों को सामान्य वीजा प्रक्रिया अपनानी होगी, जो समय और प्रयास अधिक मांगती है. इसके कारण वीजा की प्रतीक्षा अवधि भी बढ़ सकती है, और वीजा स्वीकृति की संभावना कम हो सकती है. इसके साथ ही कनाडा ने विदेशी छात्रों की संख्या को नियंत्रित करने का निर्णय लिया है, जिससे विदेशी छात्रों के लिए प्रतिस्पर्धा और कठिन हो सकती है.
भारतीय छात्र, जिन्होंने पहले SDS के माध्यम से वीजा प्राप्त किया था, उन्हें अब लंबी प्रक्रिया का सामना करना पड़ेगा. SDS के तहत स्वीकृति दर और प्रक्रिया की तेजी को देखते हुए, यह योजना भारतीय छात्रों के लिए बहुत उपयोगी साबित हुई थी. परंतु अब सामान्य प्रक्रिया से वीजा प्राप्त करना उनके लिए मुश्किल होगा, क्योंकि सामान्य प्रक्रिया की स्वीकृति दर काफी कम है. कुल मिलाकर, कनाडा का यह कदम विदेशी छात्रों के लिए चुनौतीपूर्ण है और उन छात्रों के लिए अधिक कठिनाइयाँ उत्पन्न करेगा, जो कनाडा में पढ़ाई करने का सपना देखते हैं. First Updated : Saturday, 09 November 2024