जब F-15 की खत्म हुई मिसाइलें, फिर अमेरिकी पायलट ने अंधेरे में चली ऐसी चाल.. 'ईरान की निकली हेकड़ी'
ईरानी हमले का सामना करते हुए अमेरिकी एफ-15 के पायलट ने बताया कि इस दौरान उन्हें इजरायल की मदद के लिए अपने पास मौजूद हर हथियार का इस्तेमाल करने का निर्देश दिया गया था. हमले के वक्त अमेरिकी पायलट के पास मिसाइलें भी खत्म हो गई. वहीं, ईरान की ड्रोन सेना बढ़ रही थी.
US Forces in Israel: ईरान और इजरायल के युद्ध के बीच अमेरिका ने इजरायल के लिए मदद का हाथ बढ़ाया. 13 अप्रैल को ईरान ने इजरायल के ऊपर पर बड़ा हमला किया. जिसमें 300 से ज्यादा किलर ड्रोन, बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइलें दागी गई. इस दौरान अमेरिका ने सहयोग करते हुए अपने फाइटर जेट भिजवाए गए. इतने बड़े हमले की उम्मीद तो किसी को भी नहीं. इसे लेकर अमेरिकी पायलटों ने अपने बयान में युद्ध के दिन की पूरी कहानी बताई है.
अमेरिका के F-15 लड़ाकू पायलटों ने बताया कि ईरानी हमले में एक समय ऐसा आया था जब उनके पास फाइटर जेट में मिसाइलें खत्म हो गईं थी. जिसके बाद उन्होंने बंदूकों का इस्तेमाल करना शुरू किया.
मिसाइलें खत्म होने की नहीं थी उम्मीद
मीडिया से बातचीत में एफ-15 के पायलट मेजर बेंजामिन काफी ने बताया कि उन्हें इजरायल की मदद के लिए जितने मौजूद हर हथियार का इस्तेमाल करने का निर्देश दिया गया था. लेकिन उन्हें और वेपन सिस्टम अफसर कैप्टन लेसी हेस्टर को इस बात की बिल्कुल उम्मीद नहीं थी कि ईरानी हमले का सामना करते वक्त उनके पास हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें खत्म हो जाएंगी.
अंधेरे में भरी उड़ान
कॉफी आगे बताते हैं कि उन्होंने खतरनाक तौर से कम ऊंचाई पर उड़ते हुए पूरी तरह अंधेरे में उड़ान भरकर विमान की बंदूक से ईरानी ड्रोन को गिराने के भरसक प्रयास किए, जो बेहद मुश्किल से दिखाई दे रहा था. ये पूरी तरह से अंधेरे में पायलटों के लिए एक खतरनाक प्रयास था. जिसमें वे ईरान के ड्रोन को गिराने में नाकाम रहे.
ऐसे नाकाम किया ईरानी हमला
हमले के दौरान जोखिम को लेकर बात करते हुए कॉफी ने कहा कि, 'आप को नीचे की हलचल महसूस होती है, आप खुद को जमीन के और करीब महसूस करते हैं. जोखिम इतना ज्यादा था कि दोबारा कोशिश करना मुश्किल था.' आपको बता दें कि हेस्टर और कॉफी के साथ-साथ अमेरिका की सेना ने हमले के दौरान 70 ड्रोन और तीन बैलिस्टिक मिसाइलों को सफलतापूर्वक रोका, जिस कारण हमले को काफी हद तक नाकाम किया गया.