गुब्बारे से बने नकली हथियार, सैनिक बने छात्र...इस तरह द्वितीय विश्व युद्ध में हिटलर की सेना को बनाया मूर्ख

द्वितीय विश्व युद्ध में एक ऐसी सेना थी, जिसने अपनी चतुराई और धोखे से पूरी दुनिया को हैरान कर दिया. यह सेना थी 'घोस्ट आर्मी', जिसका मुख्य उद्देश्य दुश्मन को धोखा देना और उसकी नजरें दूसरी तरफ मोड़ना था. इस सेना के सैनिकों और हथियारों का असलियत से कोई संबंध नहीं था, लेकिन फिर भी यह सेना हिटलर की सेना को मूर्ख बनाने में सफल रही.

Deeksha Parmar
Edited By: Deeksha Parmar

द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जीत के लिए पूरी ताकत झोंकने वाली सेनाओं के बीच एक ऐसी विशेष सेना थी, जिसका रहस्य युद्ध के पांच दशक बाद सामने आया. इसका नाम था 'घोस्ट आर्मी', जिसकी रणनीति और नकली हथियारों ने पूरी दुनिया को हैरान कर दिया. इस सेना के पास न तो असली हथियार थे, न ही किसी सैन्य प्रशिक्षण का अनुभव लेकिन बावजूद इसके इस सेना ने हिटलर की सेना को बेवकुफ बना दिया. 

बता दें कि 'घोस्ट आर्मी' के सैनिक असल में कला महाविद्यालयों के छात्र थे, जिन्होंने नकली टैंक, बख्तरबंद वाहन और अन्य सैन्य उपकरण तैयार किए थे. यह सेना "भूत सेना" के नाम से जानी जाती है, जो एक धोखेबाज़ इकाई थी. इसे सेना को अमेरिका ने दुश्मन देशों को धोखा देने के लिए तैनात किया था. 

नकली हथियार और सैनिक

भूत सेना के पास असली हथियार या सैनिक नहीं थे. इसके पास केवल नकली टैंक, बख्तरबंद वाहन और गुब्बारों से बने विभिन्न हथियार थे, जो दुश्मन को धोखा देने और डराने के लिए बनाए गए थे. इन नकली हथियारों का इतना प्रभाव था कि दुश्मन सेना केवल उनकी संख्या से ही डर जाती थी और उन इलाकों से दूर रहती थी. इसके अलावा, सेना में शामिल दिखावे के सैनिक असली सैनिक नहीं थे, बल्कि कलाकार थे, जो केवल दिखावा कर रहे थे.

कला और रणनीति का अद्भुत मिलाजुला

भूत सेना में न केवल मित्र राष्ट्रों के सैनिक थे, बल्कि ब्रिटेन, अमेरिका, फ्रांस और रूस के कला महाविद्यालयों के छात्र भी शामिल थे. इन कलाकारों ने नकली हथियारों, टैंकों, बख्तरबंद वाहनों और अन्य उपकरणों को डिजाइन किया था. ये नकली हथियार यथार्थवादी ध्वनियां भी निकालते थे, जिससे दुश्मन को यह विश्वास हो जाता था कि उनके पास शक्तिशाली हथियार हैं.

भूत सेना की सफलता और उनका योगदान

भूत सेना ने 22 मिशनों को अंजाम दिया, जिनमें उन्होंने दुश्मन को भ्रमित करने में सफलता पाई. इन चतुर चालों के कारण दुश्मन को यह विश्वास हो गया कि उनके सामने कई डिवीजन मौजूद हैं, जबकि असल में सिर्फ 82 अधिकारी और 1,023 सैनिक थे. इस धोखे के कारण अनुमानित 15,000 से 30,000 लोगों की जान बचाई गई.

रहस्य का खुलासा

भूत सेना का रहस्य 50 साल बाद सामने आया है. दरअसल, साल 2013 में "द घोस्ट आर्मी" नामक डॉक्यूमेंट्री रिलीज़ हुई थी जिसमें इस सेना के बारे में बताया गया. भूत सेना ने द्वितीय विश्व युद्ध में दुश्मन को जितना भ्रमित किया, वह किसी भी युद्ध की सबसे चतुर रणनीतियों में से एक माना जाता है.

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10 January 2025, 01:45 PM IST

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