फिर सड़कों पर उतर आए अन्नदाता! फ्रांस में किसानों का विरोध तेज़, ट्रैक्टर मार्च के साथ पटाखे फोड़कर जताया रोष
फ्रांस में यूरोपीय संघ और मार्कोसुर के बीच हुए व्यापार समझौते के खिलाफ विरोध प्रदर्शन अब तेज़ हो गया हैं. इसे लेकर अब सरकार और यूरोपीय संघ पर दबाव डाल रहे हैं कि या तो इसे रद्द कर दिया जाए या फिर इसकी शर्तों को फिर पुन: वार्ता की जाए. दरअसल, किसान इस समझौते को अपने खिलाफ खतरे के तौर पर देख रहे हैं
Farmers' protest: फ्रांस के किसानों ने सोमवार को यूरोपीय संघ और मार्कोसुर (दक्षिण अमेरिकी व्यापार समूह) के बीच हुए व्यापार समझौते के खिलाफ विरोध प्रदर्शन को तेज कर दिया. उनका कहना है कि यह समझौता अनुचित प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देगा और उनके जीवनयापन को खतरे में डाल देगा, क्योंकि दक्षिण अमेरिकी कृषि उत्पाद कम सख्त पर्यावरणीय मानकों के तहत तैयार होते हैं.
फेंके टायर और फोड़े पटाखें
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उत्तरी फ्रांस के ब्यूवैस में, दर्जनों किसानों ने लगभग 50 ट्रैक्टरों के साथ यातायात बाधित किया और पर्यावरण मानकों को लागू करने के लिए जिम्मेदार एक सरकारी कार्यालय के सामने दीवार खड़ी कर दी. प्रदर्शनकारियों ने इमारत के सामने खाद और टायर फेंके और स्थानीय प्रशासनिक कार्यालय (प्रिफेक्चर) की ओर रुख किया, जहां उन्होंने पटाखों के साथ एक शोरगुल वाला शिविर लगा दिया.
#French Farmers Spray Hay During Mass Protests#Farmers in France’s southwestern Landes region protested in front of the local government office,
— Tejveer Singh, ਤੇਜਵੀਰ ਸਿੰਘ (@Tveer_13) April 15, 2023
The demonstrators took to the streets to protest possible irrigation,👍🚿#French_Farmer_Protest pic.twitter.com/wjnlboWBAZ
"सरकार ने कृषि पर ध्यान नहीं दिया, इसलिए अब हम उन्हें चैन से सोने नहीं देंगे," 54 वर्षीय रेजिस डेस्रुमॉक्स ने कहा, जो एफडीएसईए ओइज किसान संघ के प्रमुख हैं. उन्होंने कहा, "पिछले साल भी हमने इन्हीं मुद्दों पर विरोध किया था – बहुत ज्यादा कागजी काम, अत्यधिक सख्त मानदंड और राज्य से पर्याप्त मदद न मिलना. अब, दक्षिण अमेरिकी उत्पादों से अनुचित प्रतिस्पर्धा, जो हार्मोन और जीएमओ से भरपूर हैं, ये हमारे धैर्य की परीक्षा ले रही है."
यूरोप ब्रिज किया ब्लॉक
25 वर्षीय आर्मेल फ्रेत्युर, जिन्होंने इसी साल ब्यूवैस क्षेत्र में अपने परिवार के 300 गायों के फार्म की जिम्मेदारी संभाली, उन्होंने दक्षिण अमेरिकी गोमांस उत्पादों के फ्रांसीसी बाजार में आने की संभावना पर अपनी चिंता व्यक्त की.
"मेरे साथी और मैं इस काम को जीवन भर करना चाहते हैं, लेकिन अभी हमें अपने फार्म से ज्यादा कमाई नहीं होती," फ्रेत्युर ने कहा, जो युवा किसानों के स्थानीय संघ ज्यूनस एग्रीकोल ओइज की प्रतिनिधि भी हैं. "मुझे लगता है कि भविष्य अंधकारमय है और हमारे काम की कद्र नहीं की जा रही."
दूसरी ओर, प्रदर्शनकारियों ने बोर्डो में बेल के तने जलाए और स्ट्रासबर्ग में "यूरोप ब्रिज" को ब्लॉक कर दिया. फ्रांस के मुख्य किसान संघ एफएनएसईए ने बताया कि सोमवार को देशभर में 85 से अधिक प्रदर्शन हुए.
समझौते के समर्थकों ने क्या कहा?
वहीं, इस समझौते के समर्थकों का कहना है कि यह यूरोप और दक्षिण अमेरिका के बीच आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देगा. यह यूरोपीय निर्यात, विशेष रूप से मशीनरी, रसायन और कारों पर लगने वाले शुल्क को खत्म कर देगा, जिससे बाजार तक पहुंच में सुधार होगा और यूरोपीय व्यवसायों के लिए नए अवसर पैदा होंगे.
यूरोपीय संघ और मार्कोसुर व्यापार समूह, ने, जिसमें ब्राजील, अर्जेंटीना, पराग्वे, उरुग्वे और बोलिविया शामिल हैं, 2019 में एक प्रारंभिक समझौता किया था. लेकिन किसानों और कुछ यूरोपीय सरकारों, विशेष रूप से फ्रांस में हो रहे विरोध के कारण बातचीत में रुकावट आ गई.
क्या बोले विदेश मंत्री?
फ्रांस के विदेश मंत्री जीन-नोएल बैरो ने कहा, "यह समझौता मौजूदा स्वरूप में स्वीकार्य नहीं है।"हालांकि, फ्रांस की स्थिति कमजोर हो सकती है. ऐसी आशंकाएं हैं कि यह समझौता इस सप्ताह ब्राजील में होने वाले जी20 शिखर सम्मेलन में या आने वाले हफ्तों में अंतिम रूप ले सकता है. एक आंशिक समझौता, जिसमें फ्रांसीसी किसानों के लिए अप्रिय प्रावधान शामिल हो सकते हैं, फ्रांस की सहमति के बिना तय किया जा सकता है, क्योंकि फ्रांस के पास इस पर वीटो पावर नहीं है.