Iran Nuclear Deal: अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद, ईरान का रवैया बदल गया है. अब ईरान अमेरिका से दोस्ती की पहल कर रहा है और न्यूक्लियर डील पर बातचीत के लिए अपनी इच्छा दिखा रहा है. ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामेनेई के सलाहकार ने ट्रंप के साथ एक नया परमाणु समझौता करने का प्रस्ताव दिया है.
यह प्रस्ताव ईरान का अमेरिका के नए प्रशासन के साथ परमाणु समझौते पर बातचीत करने का सबसे बड़ा कदम माना जा रहा है. खामेनेई की आधिकारिक वेबसाइट पर दिए गए एक इंटरव्यू में अली लारीजानी ने कहा कि ईरान परमाणु हथियार नहीं बनाएगा, लेकिन वह अपनी यूरेनियम संवर्धन की क्षमता को बनाए रखेगा. लारीजानी ने यह संदेश सीधे ट्रंप के नए प्रशासन को दिया, जिसने 2018 में JCPOA (ज्वाइंट कॉम्प्रिहेन्सिव प्लान ऑफ एक्शन) परमाणु समझौते से खुद को बाहर कर लिया था, जिसके बाद ईरान पर कड़े प्रतिबंध लगाए गए थे.
लारीजानी ने इंटरव्यू में कहा, “अब आपके पास दो विकल्प हैं: या तो आप JCPOA पर वापस लौटें, जिस पर पहले ही सहमति बन चुकी थी, या फिर अगर आप ऐसा नहीं करना चाहते, जैसा कि नए प्रशासन ने कहा है, तो कोई बात नहीं. हम एक नए समझौते पर बातचीत करने के लिए तैयार हैं.”
आगे उन्होंने कहा, “आप कहते हैं कि हम ईरान के न्यूक्लियर कार्यक्रम को तब तक स्वीकार करेंगे, जब तक वह बम बनाने की दिशा में नहीं बढ़ता. ठीक है, हमारे पास संवर्धन की क्षमता है. इसलिए, अगर आप हमारी शर्तों को मानते हैं, तो हम बम बनाने की दिशा में आगे नहीं बढ़ेंगे.”
लारीजानी ने कहा कि ईरान ने अपने यूरेनियम संवर्धन को 60 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ा लिया है, जो पश्चिमी देशों के लिए चिंता का विषय है, लेकिन यह बम बनाने के स्तर से काफी कम है. हालांकि, पश्चिमी देशों के कई नेता और एजेंसियां यह दावा कर चुकी हैं कि ईरान ने परमाणु संवर्धन का स्तर बम बनाने के बराबर बढ़ा लिया है, और वह कभी भी परमाणु शक्ति बन सकता है.
इस तरह, ईरान ने अमेरिका को यह प्रस्ताव दिया है कि वह नया समझौता कर सकता है, बशर्ते कुछ शर्तें मानी जाएं, और ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम को बम बनाने के स्तर तक न बढ़ाए. First Updated : Sunday, 24 November 2024