Finland War: जब रूस-यूक्रेन युद्ध और इज़रायल-हमास संघर्ष दुनिया में पहले से ही उथल-पुथल मचा रहे हैं. वहीं, अब स्वीडन और फिनलैंड में युद्ध की तैयारियों ने नया सवाल खड़ा कर दिया है. स्वीडन ने हाल ही में अपने नागरिकों को 50 लाख से अधिक युद्ध-संबंधी पर्चे बांटे हैं, जिसमें खाने-पीने की सामग्री का भंडारण करने और आपातकालीन स्थितियों के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं.
स्वीडन के पड़ोसी फिनलैंड ने भी एक नई वेबसाइट लॉन्च की है जो नागरिकों को युद्ध जैसी परिस्थितियों के लिए तैयार होने की जानकारी देती है. इसके साथ ही नॉर्वे में भी हाल ही में पैम्फलेट बांटे गए हैं, जिनमें आपातकालीन स्थिति में एक सप्ताह तक आत्मनिर्भर रहने के उपाय बताए गए हैं.
स्वीडिश सिविल कंटिंजेंसी एजेंसी (MSB) द्वारा जारी किए गए पैम्फलेट में परमाणु हथियारों, जैविक और रासायनिक हमलों के खतरों का जिक्र किया गया है. पर्चे में नागरिकों को हमलों के दौरान हवाई हमले के जैसे कवर लेने की सलाह दी गई है. इसमें स्पष्ट संदेश दिया गया है, "यदि स्वीडन पर हमला होता है, तो हम कभी हार नहीं मानेंगे."
स्वीडन ने 200 सालों से कोई युद्ध नहीं लड़ा है. आखिरी बार स्वीडन ने 1814 में नॉर्वे के खिलाफ युद्ध किया था. युद्ध का अनुभव ना होने के कारण मौजूदा वैश्विक संकट में स्वीडन के लिए यह स्थिति चुनौतीपूर्ण साबित हो सकती है.
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन द्वारा यूक्रेन को लंबी दूरी की मिसाइलें देने की अनुमति ने स्थिति को और पेचीदा बना दिया है. रूस के भीतर लक्ष्यों पर इन मिसाइलों के उपयोग की मंजूरी ने न केवल रूस को भड़काया है बल्कि अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों के बीच भी असंतोष पैदा किया है.
First Updated : Tuesday, 19 November 2024