भारत में नहीं दिखा साल का पहला सूर्य ग्रहण, दुनिया के कई देशों में देखा जा सकता है ग्रहण, ऑस्टेलिया से सामने आई तस्वीर

साल का पहला सूर्य ग्रहण आज सुबह 7 बजकर 4 मिनट से जारी है। दुनिया भर के कई देशों से सूर्य ग्रहण की तस्वीर सामने आ रही है। भारत से इस सूर्य ग्रहण को नहीं देखा जा सकता है।

Lalit Hudda
Lalit Hudda

हाइलाइट

  • साल का पहला सूर्य ग्रहण 7 बजकर 4 मिनट से जारी
  • ऑस्टेलिया में दिख रहा सूर्य ग्रहण का सबसे ज्यादा असर

आज साल का पहला सूर्य ग्रहण जारी है, लेकिन इसे भारत से नहीं देखा जा सकता है। गुरूवार सुबह 7 बजकर 4 मिनट से सूर्य ग्रहण शुरू हो गया है। जो 12 बजकर 29 मिनट तक जारी रहेगा। सूर्य ग्रहण के दुनिया भर के कई देशों से देखा जा सकता है। लेकिन ऑस्टेलिया में ग्रहण का ज्यादा असर दिख रहा है। ऑस्टेलिया में 9 बजकर 4 मिनट पर पूरी तरह से अंधेरा छा गया था। इसे एक हाइब्रिड सूर्य ग्रहण बताया जा रहा है। 

हाइब्रिड में दो तरह से सूर्य ग्रहण दिखता है। एक में तो चांद पूरी तरह से सूरज को ढक लेता है और अंधेरा छा जाता है। दूसरे में चंद्रमा के सामने आने से सूरज की सिर्फ आउट लाइन ही दिखाई देती है, जिसे सोलर रिंग भी कहा जाता है। हाइब्रिड ग्रहण में ऐसा एक साथ होता है। कई सालों में कभी कभी ऐसा होता है। अब अगला हाइब्रिड सूर्य ग्रहण साल 2031 में दिखाई देगा।

आज साल का पहला सूर्य ग्रहण जारी है। दुनिया के कई देशों में सूर्य ग्रहण को देखा जा रहा है। सूर्य ग्रहण को देखने के लिए लोगों में काफी उत्साह है। यह सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा। लेकिन अमेरिका, जापान, चीन में इसे देखा जा रहा है। हाइब्रिड ग्रहण का सबसे ज्यादा असर ऑस्ट्रेलिया में देखा जा रहा है। वहीं, पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया से सूर्य ग्रहण की खूबसूरत तस्वीर सामने आई है।

सूर्य ग्रहण क्या होता है?

गुरुत्वाकर्षण बल के कारण पृथ्वी और सभी ग्रह सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाते हैं। पृथ्वी सूर्य का एक चक्कर 365 दिनों में लगाती है। जबकि चंद्रमा एक उपग्रह है। चंद्रमा पृथ्वी के चारों ओर चक्कर लगाता है। चांद को पृथ्वी का एक चक्कर लगाने में करीब 27 दिन लगते हैं। चंद्रमा के चक्कर लगाने के दौरान ऐसी स्थिति बन जाती है, जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है। ऐसी स्थिति में सूर्य की रोशनी धरती तक नहीं पहुंचती है। इसी घटना को सूर्य ग्रहण कहा जाता है। ज्यादातर सूर्य ग्रहण अमावस्या के दिन होते हैं, क्योंकि उस समय चंद्रमा पृथ्वी के बेहद करीब होता है।

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20 April 2023, 12:48 PM IST

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